
भारत-पाकिस्तान सीजफायर का क्रेडिट लेने से नहीं रुके ट्रंप, बोले- 'परमाणु युद्ध से बचाया'
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका की ओर से व्यापारिक दबाव के चलते दोनों देश युद्ध की ओर बढ़ने से रुक गए, और यह टकराव परमाणु तबाही में बदल सकता था। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा, “अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका। मेरा मानना है कि यह संघर्ष परमाणु तबाही बन सकता था। हमने गोलियों की जगह व्यापार के जरिए युद्ध को रोका और मुझे इस पर गर्व है।” ट्रंप इससे पहले भी कई बार सीजफायर का श्रेय खुद को दे चुके हैं। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के तुरंत बाद उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए सबसे पहले इसका ऐलान किया था।
हालांकि भारत ने ट्रंप के दावों को पूरी तरह खारिज किया है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि तनाव को कम करने की प्रक्रिया दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व खासकर डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर पर हुई संवाद के माध्यम से पूरी हुई थी। भारत ने यह भी साफ किया कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
भारत ने यह सीजफायर पहले की गई कड़ी सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद घोषित किया था। 6-7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर जबरदस्त एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था।
ट्रंप के बयानों पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। पार्टी का आरोप है कि ट्रंप कम से कम आठ बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्ध को टाला, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि यदि अमेरिकी दबाव के चलते युद्ध नहीं हुआ, तो यह भारत की संप्रभु विदेश नीति पर सवाल खड़ा करता है और यदि यह सच नहीं है, तो सरकार को ट्रंप के दावों को सार्वजनिक रूप से खंडन करना चाहिए।
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