Bihar Polls: चिराग पासवान ने दिया सियासी संकेत, कहा- पार्टी चाहेंगी तो लड़ूंगा विधानसभा चुनाव

बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पहली बार स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर उतर सकते हैं। वैशाली जिले के महुआ में एक आपराधिक घटना के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे चिराग पासवान से जब पत्रकारों ने इस संभावना पर सवाल किया, तो उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा, "अगर पार्टी चाहती है, तो मैं ज़रूर विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। यह कोई दिखावा नहीं है, पार्टी इस पर गंभीरता से मंथन कर रही है।"


चिराग पासवान ने बताया कि पार्टी इस समय राजनीतिक सर्वेक्षण और आंतरिक मूल्यांकन के ज़रिए यह जानने की कोशिश कर रही है कि अगर वे चुनाव लड़ते हैं, तो इससे पार्टी और एनडीए गठबंधन को कितना राजनीतिक लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा, "यह निर्णय सिर्फ मेरी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है, बल्कि यह पार्टी और गठबंधन की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। 

चिराग का मानना है कि उनकी सीधी भागीदारी से लोजपा (रामविलास) का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है और एनडीए की स्थिति भी मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर करने का लक्ष्य रखा गया है। चिराग ने कहा, "कई बार देखा गया है कि जब कोई बड़ा नेता खुद मैदान में उतरता है, तो उसका सकारात्मक असर पूरे संगठन पर पड़ता है।" 

हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के बीच सबसे बड़ा राजनीतिक प्रश्न यह है कि क्या चिराग पासवान केवल विधायक बनने तक सीमित रहेंगे, या फिर यह कदम मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की ओर बढ़ाया गया पहला कदम है? चुनावी रणनीति, सीटों के गणित और संगठनात्मक बढ़त को देखते हुए, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चिराग पासवान भविष्य की सियासी दिशा तय करने के लिए एक सुनियोजित भूमिका में उतर रहे हैं। ऐसे में उनके मैदान में उतरने से न केवल लोजपा (रामविलास) बल्कि पूरे एनडीए खेमे की चुनावी योजना को नई धार मिल सकती है।

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