
सेना की ताकत देख घबराया पाकिस्तान, युद्ध रोकने की लगाई गुहार: कानपुर से पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने 47,600 करोड़ रुपये की लागत से जुड़ी 17 प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में रेलवे पुल, अग्निशमन केंद्र और जल शोधन संयंत्र जैसी योजनाएं शामिल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में आधुनिक कनेक्टिविटी और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे को मजबूती देना है। प्रधानमंत्री ने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद, रक्षा स्वावलंबन और औद्योगिक विकास जैसे कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण बातें कहीं। पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, "भारतीय सेना के पराक्रम को देख पाकिस्तान युद्ध रोकने की गुहार लगाने को मजबूर हुआ।"
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है। उन्होंने कहा,
"ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत ने तीन सूत्रीय नीति अपनाई है, सटीक जवाब, समय का चयन और हमारी सेना की शर्तों पर कार्रवाई।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब भारत एटम बम की धमकियों से डरने वाला नहीं है, और न ही ऐसी धमकियों के आधार पर कोई निर्णय लेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब आतंक के आकाओं और उनकी सरपरस्ती करने वाली सरकारों को एक ही नजर से देखता है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत ने न केवल आतंकियों को करारा जवाब दिया, बल्कि दुनिया को यह भी दिखा दिया कि ‘मेक इन इंडिया’ और स्वदेशी हथियारों की ताकत क्या होती है। उन्होंने कहा, "ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर धमाके किए। ये ताकत हमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से मिली है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत को अपनी सैन्य जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है।
उन्होंने बताया कि यूपी इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कानपुर की पुरानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी सात फैक्ट्रियों को आधुनिक रक्षा कंपनियों में तब्दील किया गया है।
"यूपी में आज डिफेंस कॉरिडोर तैयार हो रहा है, और कानपुर इसका बड़ा नोड बनकर उभर रहा है," पीएम ने कहा। उन्होंने बताया कि अमेठी में AK-203 राइफल का निर्माण शुरू हो चुका है, और भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण भी यूपी में ही किया जाएगा। इससे न केवल राज्य रक्षा क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कानपुर के औद्योगिक अतीत की चर्चा करते हुए कहा कि कभी यह शहर देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में शामिल था, लेकिन पिछली सरकारों की उदासीनता और परिवारवादी राजनीति के कारण यहां से उद्योगों का पलायन होता गया।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने अब इसे बदलने का बीड़ा उठाया है। ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर दो सबसे अहम शर्तें हैं। इसी कड़ी में पनकी, नेवेली, जवाहरपुर, ओबरासी और खुर्जा में 660 से 1320 मेगावाट तक की क्षमता वाले पावर प्लांट्स का लोकार्पण किया गया है।
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