अंकिता भंडारी मर्डर केस: तीनों आरोपी दोषी, जानिए कैसे सामने आई सच्चाई

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत के फैसले के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस जघन्य हत्याकांड ने न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।  अंकिता भंडारी श्रीनगर गढ़वाल की निवासी थीं और एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर न होने के कारण वह नौकरी की तलाश में ऋषिकेश पहुंचीं, जहां उन्हें वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली। लेकिन नौकरी शुरू करने के कुछ ही दिनों बाद, 18 सितंबर 2022 को वह रहस्यमय ढंग से लापता हो गईं। बाद में उनका शव चीला नहर में बरामद हुआ।


जांच में सामने आया कि अंकिता की हत्या रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता ने मिलकर की थी। आरोपियों ने हत्या के बाद शव को नहर में फेंक दिया था। पूछताछ में तीनों ने अपना जुर्म कबूल किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता की मौत डूबने से हुई, लेकिन उसके शरीर पर कई चोटों के निशान भी पाए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हत्या से पहले उसके साथ मारपीट की गई थी।

इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब यह खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है। जनता के भारी आक्रोश और विपक्ष के दबाव के बीच बीजेपी ने विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया। अंकिता के परिजनों का आरोप है कि पुलकित आर्य ने उस पर देह व्यापार में शामिल होने का दबाव बनाया था। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसकी हत्या कर दी गई। 

परिजनों और सामाजिक संगठनों ने पिछले ढाई वर्षों से लगातार इंसाफ की मांग की। इस मामले की जांच के लिए गठित SIT ने अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत ने इन सभी गवाहों के बयानों को सुनवाई में शामिल किया और अंततः तीनों आरोपियों को दोषी ठहरा दिया।

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