
खत्म होने वाला है मोहल्ला क्लीनिक मॉडल? 500 डॉक्टर और 2000 स्टाफ की नौकरी पर खतरा
दिल्ली सरकार के लोकप्रिय स्वास्थ्य मॉडल मोहल्ला क्लीनिक पर एक बार फिर राजनीतिक घमासान तेज होता दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार, रेखा सरकार की योजना है कि जब तक आयुष्मान आरोग्य मंदिर पूरी तरह सक्रिय नहीं हो जाते, तब तक मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर और स्टाफ अपनी मौजूदा भूमिका में बने रहेंगे। लेकिन इस बदलाव की प्रक्रिया में लगभग 500 डॉक्टरों और 2000 अन्य कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने हाल ही में इस विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। माना जा रहा है कि आने वाले समय में मोहल्ला क्लीनिक को चरणबद्ध तरीके से आयुष्मान आरोग्य मंदिर से प्रतिस्थापित किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि मौजूदा डॉक्टरों को हटाने से पहले उन्हें पर्याप्त समय, लगभग एक वर्ष, दिया जाएगा ताकि वे अन्य विकल्प तलाश सकें या पुनः आवेदन कर सकें।
सरकार ने संकेत दिया है कि नए डॉक्टरों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के नियमानुसार की जाएगी और चयन प्रक्रिया पारदर्शी होगी। वर्तमान मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टर भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को मोहल्ला क्लीनिक स्टाफ का अनुबंध समाप्त हो चुका है। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि रेखा सरकार इस योजना में कोई बड़ा बदलाव ला सकती है।
इससे पहले भी पंकज सिंह ने घोषणा की थी कि राजधानी में 250 मोहल्ला क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा, यह कहते हुए कि ये क्लीनिक केवल कागजों पर मौजूद हैं और इनकी स्थापना किराए की जमीन पर की गई थी। उनके अनुसार इन स्थानों पर किराए को लेकर वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं, और मोहल्ला क्लीनिक को उन्होंने “फ्रॉड का अड्डा” तक करार दे दिया था।
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