
ट्रंप का टिम कुक को संदेश, भारत में निर्माण की ज़रूरत नहीं, अमेरिका में बनाएं आईफोन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक से भारत में उत्पादन विस्तार न करने का आग्रह किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने हाल ही में दोहा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्होंने टिम कुक से स्पष्ट तौर पर कहा, "हमें भारत में आपके निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं है, वे अपना ख्याल खुद रख सकते हैं। वे अच्छा कर रहे हैं, लेकिन हमें अमेरिका में ही उत्पादन चाहिए।" रिपोर्ट के मुताबिक, इस बातचीत के बाद एपल ने अमेरिका में अपने विनिर्माण विस्तार की योजना पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत दिया है। हालांकि, न तो ट्रंप और न ही एपल की ओर से इस बातचीत के परिणामों या भारत में कंपनी की योजनाओं में बदलाव को लेकर कोई ठोस जानकारी साझा की गई है।
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। भारत का यह कदम अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में सामने आया है। ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने अब अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है। हालांकि, उन्होंने इस प्रस्ताव के विस्तृत विवरण नहीं दिए।
फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉशिंगटन दौरे के बाद भारत और अमेरिका के बीच औपचारिक व्यापार वार्ता शुरू हुई थी। भारतीय वाणिज्य मंत्री के 17 से 20 मई के बीच अमेरिका दौरे की संभावना जताई जा रही है, जहां इन वार्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, ट्रंप की इस बयानबाज़ी से भारतीय निवेशकों और उद्योग जगत में निराशा फैली है। विशेष रूप से तब, जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए व्यापार को 'बातचीत का उपकरण' बताया। भारत में यह धारणा बनी है कि व्यापारिक विषयों को सैन्य रणनीति या राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ना स्वीकार्य नहीं है। भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य या राजनयिक संवाद में व्यापारिक मामलों की कोई भूमिका नहीं है।
एपल ने हाल के वर्षों में भारत में अपने उत्पादन का दायरा बढ़ाया है। कंपनी फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन जैसे अनुबंध निर्माताओं के जरिए देश में आईफोन का निर्माण करती है। भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत यह विस्तार न केवल स्थानीय रोजगार सृजन करता है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी अहम योगदान देता है।
ट्रंप के बयानों से इन प्रयासों पर असमंजस के बादल छा गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों में और तनाव बढ़ा तो इसका असर बहुराष्ट्रीय कंपनियों की निवेश रणनीति पर पड़ सकता है।
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