
पाकिस्तान को विश्व बैंक से खाली हाथ वापसी, सिंधु जल संधि में हस्तक्षेप से किया इनकार
भारत के साथ जारी तनाव के बीच पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। विश्व बैंक ने साफ कर दिया है कि वह सिंधु जल संधि पर भारत के फैसले को पलटने के लिए किसी भी तरह का दबाव नहीं बना सकता। यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान लगातार यह दावा कर रहा था कि भारत एकतरफा तरीके से संधि को रद्द नहीं कर सकता और विश्व बैंक उसे ऐसा करने से रोक सकता है।
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने स्पष्ट किया कि संस्था की भूमिका केवल मध्यस्थता की है, और वह किसी भी देश को फैसले बदलने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। CNBC-TV18 को दिए इंटरव्यू में बंगा ने कहा, “यह एक द्विपक्षीय संधि है, और यदि दोनों देश किसी बात पर असहमत होते हैं, तो विश्व बैंक की भूमिका केवल एक तटस्थ विशेषज्ञ या मध्यस्थ की नियुक्ति तक सीमित है।”
बंगा ने यह भी जोड़ा कि मीडिया में इस भूमिका को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन “यह सब बकवास है। हम केवल एक सहायक की भूमिका निभाते हैं।”
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए। इसमें सबसे अहम था 1960 की सिंधु जल संधि का निलंबन, जिसे भारत ने पाकिस्तान की लगातार बाधाएं खड़ी करने की वजह से उठाया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान बार-बार भारत को उसके वैध अधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कहा, “भारत ने छह दशकों तक इस संधि का पालन किया, लेकिन पाकिस्तान जानबूझकर इसमें अड़चन डालता रहा।”
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने विश्व बैंक से हस्तक्षेप की मांग की थी। लेकिन अब विश्व बैंक के स्पष्टीकरण के बाद पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
भारत ने इसके साथ-साथ अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद, पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द, और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करने जैसे कई कठोर कदम उठाए थे। 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में इस पर हस्ताक्षर किए थे। संधि के तहत, भारत को रावी, ब्यास और सतलुज जैसी पूर्वी नदियों पर पूर्ण अधिकार मिला।
पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी पश्चिमी नदियों के जल तक पहुंच दी गई।
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download