
'शहबाज से बात करें मोदी जी' – हमलों के बीच महबूबा का डिप्लोमैटिक सुझाव
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात लगभग अघोषित युद्ध जैसे बन गए हैं। इस हमले में 27 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद भारत ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर लक्षित हवाई हमले किए। भारत की इस सटीक सैन्य कार्रवाई से तिलमिलाए पाकिस्तान ने बीते दो रातों में भारत के दो दर्जन से अधिक शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की — मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए। हालांकि भारतीय सेना ने इन सभी प्रयासों को नाकाम करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया। इसी तनावपूर्ण पृष्ठभूमि में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शांति की अपील की है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा था, "यह युद्ध का नहीं, संवाद का युग है।"
महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन कर प्रत्यक्ष संवाद की पहल करें। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष का सबसे बड़ा खामियाजा आम नागरिक, विशेषकर महिलाएं और बच्चे भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इस संघर्ष में मासूमों का क्या कसूर है? खून बहाना किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। सैन्य कार्रवाई कभी भी बीमारी की जड़ तक नहीं पहुंचती।"
महबूबा ने यह भी कहा कि भारत द्वारा नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने का दावा और पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट मार गिराने तथा सैन्य ठिकानों पर हमले की बातें — दोनों तरफ से उद्देश्य सिद्ध होने का संकेत देती हैं।
उन्होंने दोनों देशों के नेतृत्व से अपील करते हुए कहा, "अगर आपके उद्देश्य पूरे हो चुके हैं, तो फिर आम लोगों का खून क्यों बहाया जा रहा है? यह लड़ाई अब बंद होनी चाहिए।"
महबूबा मुफ्ती ने चेताया कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न देश हैं, और अगर हालात काबू से बाहर हुए तो पूरे क्षेत्र पर इसका विनाशकारी असर हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ, तो इस क्षेत्र में कुछ नहीं बचेगा।"
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