"यही है सबूत!" — भारत ने इंटरनेशनल मंच पर दिखाई पाकिस्तान की आतंकी सच्चाई

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी गहन तनाव के बीच, भारत के दो शीर्ष राजनयिक — ब्रिटेन में उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी और अमेरिका में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा — ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के समक्ष पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों का पर्दाफाश किया है। दोनों ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के ठोस और दृश्य प्रमाण प्रस्तुत किए, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मच गई है। 


ब्रिटेन के प्रतिष्ठित चैनल Sky News को दिए साक्षात्कार में विक्रम दोराईस्वामी ने एक महत्वपूर्ण तस्वीर दिखाते हुए दावा किया कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादियों को पनाह देता है, बल्कि उन्हें राजकीय सम्मान भी देता है। उन्होंने जो तस्वीर दिखाई, उसमें पाकिस्तानी सेना की वर्दी में अधिकारी अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी हाफिज अब्दुर रऊफ के पीछे खड़े नजर आ रहे हैं। रऊफ, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई है और हाल ही में भारत द्वारा की गई ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई में मारा गया था। वह उन आतंकवादियों के जनाज़े में शामिल था जिन्हें भारतीय वायुसेना ने पीओके और पाकिस्तान में चलाए गए हमलों में मार गिराया। तस्वीर में ताबूतों पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय झंडा लिपटा हुआ था। दोराईस्वामी ने कहा, “जब आप आतंकवादियों को राज्य स्तरीय सम्मान देते हैं, तो यह आपके सिस्टम की असलियत खुद बयां करता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दृश्य इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान का सैन्य तंत्र आतंकवाद का समर्थन करता है और इसे अपनी रणनीति का हिस्सा मानता है।

भारत ने यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। जवाबी कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के बाहावलपुर स्थित मुख्यालय सहित पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इन्हीं हमलों में रऊफ अजहर भी मारा गया। भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर रऊफ की तस्वीर साझा करते हुए उस पर “eliminated” की मोहर लगाई थी। अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने भी अमेरिकी मीडिया से बात करते हुए भारत की कार्रवाई को पूरी तरह न्यायोचित और सटीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल उन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया जो सीधे आतंकी गतिविधियों में लिप्त थे। “वे निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने मार रहे थे। हमारी कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी — यह मानवता विरोधी कृत्य का स्पष्ट जवाब था।” क्वात्रा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह पाकिस्तान पर दबाव बनाए कि वह आतंकियों को समर्थन देना बंद करे। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वह आतंकवादियों के साथ खड़ा है।”

पाकिस्तान द्वारा की जा रही अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग को दोराईस्वामी ने खारिज करते हुए इसे “हास्यास्पद” करार दिया। उन्होंने कहा कि 2016 के पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को वायुसेना बेस तक पहुंचने दिया, लेकिन उसके बावजूद पाकिस्तान ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2008 के मुंबई हमलों में भारत द्वारा सौंपे गए ठोस सबूतों को या तो नजरअंदाज किया गया या जानबूझकर घुमा दिया गया।

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