ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूपी अलर्ट मोड में, डीजीपी ने सुरक्षा के लिए जारी किए 14 सख्त निर्देश
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई के बाद पूरे देश में अलर्ट घोषित किया गया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने और किसी भी प्रकार की आतंकी साजिश को विफल करने के उद्देश्य से एक व्यापक सुरक्षा गाइडलाइन जारी की है।
यह दिशानिर्देश विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के आलोक में तैयार किए गए हैं, जिसमें उन्होंने प्रदेशवासियों की सुरक्षा और राज्य के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की हिफाजत सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की बात कही है। इन दिशा-निर्देशों को प्रदेश के सभी जिलों, पुलिस कमिश्नरेट्स, विशेष पुलिस इकाइयों और अन्य संबंधित एजेंसियों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिए गए निर्देश :
1. संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को उन्नत करना
सभी ज़िलों को अपने क्षेत्र में स्थित Critical Infrastructure और Vital Installations—जैसे ऊर्जा संयंत्र, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, जलापूर्ति केंद्र, प्रशासनिक भवन, और संचार नेटवर्क—की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर, आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बल की तैनाती और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी व्यवस्था मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। CCTV नेटवर्क की प्रभावशीलता भी जांची जाएगी।
2. आंतरिक सुरक्षा अभ्यास और मॉक ड्रिल्स
जनपद स्तर पर Internal Security Preparedness बढ़ाने हेतु मॉक ड्रिल्स कराने का आदेश दिया गया है। इनमें पुलिस, प्रशासन, फायर सर्विस और स्वास्थ्य विभाग की सामूहिक भागीदारी होगी, जिससे वास्तविक स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। पूर्व-ब्रीफिंग और डि-ब्रीफिंग भी अनिवार्य है।
3. पुलिस परिसरों और संसाधनों का व्यापक ऑडिट
हर पुलिस लाइन, थाना, डिपो और कंट्रोल रूम की सुरक्षा का पुनर्मूल्यांकन होगा। साथ ही साइबर सुरक्षा को लेकर सभी पुलिस नेटवर्क व सर्वर सिस्टम की सुरक्षा जांच और कमजोरियों को तुरंत ठीक करने के आदेश दिए गए हैं।
4. महत्वपूर्ण प्रवेश स्थलों पर नियंत्रण
जिन स्थानों पर रोज़ बड़ी संख्या में लोग आते-जाते हैं—जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल—वहाँ प्रवेश पर कड़ी निगरानी रखने, पहचान पत्र की जांच करने और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
5. सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल
सभी ज़िलों को स्थानीय मिलिट्री यूनिट्स, एयर फोर्स स्टेशन, इंटेलिजेंस एजेंसियों, नागरिक सुरक्षा और अन्य केंद्रीय सुरक्षा संगठनों के साथ मिलकर Joint Coordination Mechanism तैयार करने को कहा गया है।
6. सामरिक यातायात की सुरक्षा
सैन्य काफिलों की आवाजाही, वायुसेना के लिए ईंधन आपूर्ति, और महत्वपूर्ण पुलों, ट्रैकों तथा राजमार्गों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। हर मूवमेंट गोपनीयता बनाए रखते हुए “Need to Know” आधार पर होना चाहिए।
7. सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में सतर्कता
ऐसे क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात करने, डायल 112 को अलर्ट मोड में रखने और किसी भी आपात स्थिति में Rapid Response Teams को सक्रिय रखने के निर्देश हैं।
8. प्रमुख सेवाओं की संरक्षा
बिजली उत्पादन संयंत्र, संचार टावर, ऑप्टिकल फाइबर केबल, जलापूर्ति केंद्र, तेल पाइपलाइन आदि जैसी आवश्यक सेवाओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करने की बात कही गई है।
9. खुफिया सूचना और तोड़फोड़ की आशंका
हर जिले को निर्देशित किया गया है कि वो अपने खुफिया नेटवर्क को सक्रिय करें और sabotage या किसी भी प्रकार की जानकारी लीक होने की घटना पर पैनी नजर रखें।
10. सोशल मीडिया पर चौकसी
Cyber Surveillance Cell को चौबीसों घंटे सोशल मीडिया मॉनिटर करने का निर्देश है, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह, भ्रामक या भड़काऊ पोस्ट को समय रहते रोका जा सके। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के आदेश हैं।
11. मोबाइल गश्ती और नियंत्रण कक्ष
डायल 112 की तैनाती Tactical Points पर की जाएगी। जिला नियंत्रण कक्षों को “Red Alert” मोड में रखा जाएगा और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए हर स्तर पर तैयारी सुनिश्चित की जाएगी।
12. नेतृत्व और प्रशासनिक समन्वय
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थानीय प्रशासन, सेना और अन्य नागरिक एजेंसियों के साथ नियमित बैठक कर आपसी तालमेल और कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाएं।
13. हवाई अड्डों की सुरक्षा बढ़ाई जाए
सभी एयरपोर्ट्स के रनवे, फनल एरिया और टर्मिनल क्षेत्रों में सुरक्षा जांच गहन की जाएगी। संयुक्त अभियान के तहत एयरपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय किया जाएगा।
14. भारत-नेपाल सीमा पर विशेष चौकसी
नेपाल से सटे जिलों में विशेष चौकसी और निरंतर गश्त के निर्देश दिए गए हैं। एसएसबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ सामंजस्य स्थापित कर निगरानी तेज की जाएगी।