
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बोले अफजाल अंसारी – 'अब इंदिरा गांधी से सबक लेकर पीओके लें वापस'
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सर्जिकल कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रशंसा करते हुए इसे एक साहसिक और निर्णायक कदम करार दिया है। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से मांग की है कि अब वक्त आ गया है जब सेना को पीओके पर नियंत्रण करने के स्पष्ट आदेश दिए जाएं, ताकि पाकिस्तान को उसके दुस्साहसपूर्ण रवैये का स्थायी सबक सिखाया जा सके। बुधवार को पीटीआई से बातचीत में अंसारी ने कहा, “भारतीय सेना ने जिस पराक्रम और सैन्य क्षमता का परिचय दिया है, वह पूरी दुनिया के सामने भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
आतंकवादियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाकर की गई यह एयरस्ट्राइक पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो बार-बार भारत की संप्रभुता को चुनौती देता रहा है, और उसे केवल कूटनीतिक चेतावनियों या सीमित जवाबों से सबक नहीं मिलने वाला। “देश की जनता अब यह मानने लगी है कि जब तक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत में पूर्ण रूप से विलय नहीं कर लिया जाता, तब तक सीमा पार से आतंकवाद का यह सिलसिला थमने वाला नहीं है,” अंसारी ने कहा।
अफजाल अंसारी ने इस पूरे मसले पर ऐतिहासिक दृष्टांत भी सामने रखा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से सीख लेनी चाहिए। “जैसे इंदिरा गांधी ने 1971 में पाकिस्तान को निर्णायक सैन्य पराजय दी और बांग्लादेश का गठन कराया, उसी तरह अब मोदी सरकार को साहसिक निर्णय लेते हुए पीओके को भारत में मिलाने की दिशा में स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए,” उन्होंने कहा।
गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना की तीनों शाखाओं थल सेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वित प्रयासों से 7 मई की रात अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एयरस्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के नौ प्रमुख अड्डों को निशाना बनाया गया, जिनमें मसूद अजहर के परिवार के सदस्य भी मारे गए।
अंसारी ने यह भी कहा कि ऐसी कार्रवाई सिर्फ एक जवाब नहीं, बल्कि आने वाले समय में पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत देना है कि भारत अब किसी भी आतंकी गतिविधि को नजरअंदाज नहीं करेगा। “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारतीय सेना को खुला हाथ दिया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दुश्मन को ऐसा करारा जवाब मिले कि वह दोबारा इस तरह की हरकत करने की सोच भी न सके,” उन्होंने जोड़ा।
सपा सांसद का यह बयान न केवल सैन्य कार्रवाई के समर्थन में आया है, बल्कि यह दर्शाता है कि राजनीतिक स्तर पर भी अब एक व्यापक सहमति बन रही है कि पाकिस्तान को केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक तरीके से जवाब देने की ज़रूरत है।
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