प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की, ऑपरेशन सिंदूर पर दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का प्रतिकार करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक पोस्ट में कहा गया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उन्हें जानकारी दी। इसके अलावा, सरकार ने इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।"


इस बैठक के दौरान विदेश सचिव विक्रम मित्री ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा, "पहलगाम में हुआ आतंकी हमला बेहद क्रूर था, जिसमें अधिकांश पीड़ितों को नजदीक से और उनके परिवारों के सामने सिर में गोली मारकर मारा गया था। यह हमला जानबूझकर किया गया था ताकि पीड़ितों के परिवारों को मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जा सके। हमलावरों का उद्देश्य कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करना था।" मित्री ने यह भी कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियां लगातार आतंकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और उन्हें आशंका है कि भारत में और हमले हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, "हमारी खुफिया जानकारी से संकेत मिलते हैं कि भारत के खिलाफ अन्य हमले हो सकते हैं। इसलिए, हमने इस खतरे को रोकने और सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिक्रिया देने का अधिकार प्रयोग किया। हमारी कार्रवाई पूरी तरह से नपी-तुली और जिम्मेदार थी। हमलावरों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।" विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत कुल नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन स्थानों का चयन इस तरह से किया गया था कि नागरिकों और उनके बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने हमलों के दौरान प्राप्त कुछ वीडियो भी दिखाए, जिनमें आतंकी शिविरों को नष्ट होते हुए देखा जा सकता था। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय सशस्त्र बलों के इस कार्य को सराहा और उनका आभार व्यक्त किया। ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना था। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओजेके में स्थित नौ आतंकी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि नागरिकों को कोई भी नुकसान न पहुंचे और नागरिक बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखा जाए।

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