प्रशांत किशोर का बयान: ऑपरेशन सिंदूर पर सेना के साथ, आतंकवाद पर राजनीति से इनकार

जन सुराज पार्टी के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पूरी जन सुराज पार्टी और देश की जनता भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़ी है। प्रशांत किशोर का कहना था कि आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना जो भी सख्त कदम उठा रही है, वह पूरी तरह से उचित, आवश्यक और देशहित में है। इस तरह की सैन्य कार्रवाई को राजनीतिक बहस में घसीटना न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना। उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर सेना और सुरक्षा विशेषज्ञों को खुलकर काम करने की पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए, क्योंकि इसमें राष्ट्र की सुरक्षा और नागरिकों की जान दांव पर होती है। 


 बिहार के पूर्णिया और कटिहार जिले के दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसे मामलों में देशवासियों को धैर्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अब आतंकवाद के खिलाफ ठोस, व्यापक और निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ऐसे खतरे दोबारा देश की सरजमीं पर न पनप सकें। प्रशांत किशोर ने यह भी जोड़ा कि जन सुराज परिवार पूरे देश के साथ मिलकर देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे जवानों की सलामती और देशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस ऑपरेशन में भारत को किसी तरह की मानवीय क्षति न हो और कोई भी भारतीय नागरिक या सैनिक हानि का शिकार न बने।

गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रशांत किशोर अकेले नहीं हैं जो इस ऑपरेशन के समर्थन में सामने आए हैं। उनके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और कई अन्य प्रमुख विपक्षी दलों ने भी भारतीय सेना द्वारा की गई इस कार्रवाई को पूरी तरह उचित और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश बताया है। इन दलों ने अपनी ओर से एकजुटता प्रकट करते हुए यह साफ किया कि जब देश की सुरक्षा की बात हो, तो राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। इस हमले में निर्दोष 26 नागरिकों की जान चली गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के नौ प्रमुख ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक्स और ड्रोन हमलों के जरिए कार्रवाई की। 

बताया गया है कि इस अभियान में 90 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य भी शामिल हैं। इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ 'सख्त और निर्णायक नीति' अपना चुका है और अगर देश पर हमला होता है, तो जवाब सीमाओं से परे जाकर भी दिया जाएगा। प्रशांत किशोर और विपक्षी दलों की यह एकजुटता इस संदेश को और मजबूत बनाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश की पूरी राजनीतिक व्यवस्था भारतीय सेना के साथ खड़ी है।

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