
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने को निशाना बनाने वाली भारतीय मिसाइलों की सच्चाई बता रहे पाकिस्तान के लोग
7 मई की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने एक गुप्त और सटीक सैन्य कार्रवाई के तहत 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई को भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना के आपसी समन्वय के साथ पूरा किया गया, जिसमें हवाई हमले और ड्रोन स्ट्राइक्स शामिल थे। इस ऑपरेशन में भारत ने नौ बड़े आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इन ठिकानों का संबंध जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों से था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में करीब 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
इसमें मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें उसकी पत्नी, बेटा और बड़ी बहन शामिल हैं। बहावलपुर में स्थित मरकज सुभान अल्लाह, जो मसूद अजहर का गढ़ माना जाता है, पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।
मुजफ्फराबाद के एक स्थानीय निवासी अहमद अब्बासी ने बताया कि रात अचानक मिसाइलें गिरनी शुरू हो गईं। उसने अनुमान लगाया कि लगभग 10 से 15 मिसाइलें इलाके में दागी गईं। मुरीदके के एक अन्य युवक ने बताया कि करीब रात 12:45 बजे एक ड्रोन आया, उसके बाद तीन और ड्रोन पहुंचे, जिन्होंने मस्जिदों को निशाना बनाया। पूरे इलाके में डर और दहशत फैल गई।
सबसे बड़ी कार्रवाई शवाई नाला कैंप पर हुई, जिसे बैत-उल-मुजाहिदीन के नाम से भी जाना जाता है। यह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख ट्रेनिंग कैंप है, जो मुजफ्फराबाद-नीलम रोड पर स्थित है। यहीं पर 26/11 मुंबई हमले में शामिल आतंकवादी अजमल कसाब और अन्य ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इस हमले के जरिए भारत ने आतंक के उन अड्डों को भी जवाब दिया, जो वर्षों से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए थे।
पाकिस्तानी सेना ने इस हमले की पुष्टि की है। सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बुधवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने 24 अलग-अलग जगहों को निशाना बनाया। बहावलपुर के अहमदपुर ईस्ट में स्थित सुबहान मस्जिद के पास चार हमले किए गए, जो जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर का गढ़ है। मस्जिद को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, सियालकोट, कोटली, मुरीदके, कोटकी लोहारा और शकरगढ़ के पास भी हमलों की पुष्टि की गई है।
नई दिल्ली में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत, पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति का हिस्सा है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले अब कहीं भी सुरक्षित न रहें।
यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य कार्रवाई था, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश भी है जो भारत ने पूरी दुनिया को दिया है। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा नहीं करेगा, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करेगा। इस अभियान ने भारत की सैन्य तैयारी, खुफिया क्षमता और राजनीतिक दृढ़ता को भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है।
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