ऑपरेशन सिंदूर: 'भारत का जवाब नपा-तुला और ज़िम्मेदारीपूर्ण' – बोले विदेश सचिव

भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर उन्हें नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई को लेकर बुधवार को भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय की ओर से संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की गई। इस अहम ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी मौजूद रहीं। पहली बार इस स्तर की सैन्य कार्रवाई की जानकारी देने के लिए महिला सैन्य अधिकारियों को मंच पर देखा गया, जो भारतीय रक्षा बलों में महिला भागीदारी की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।


प्रेस वार्ता की शुरुआत में 2001 में भारतीय संसद पर हमले से लेकर 2008 के मुंबई हमलों, उरी, पुलवामा और हालिया पहलगाम आतंकी हमले की वीडियो क्लिपिंग्स दिखाई गईं। इस क्रमिक प्रस्तुति से स्पष्ट किया गया कि भारत पर आतंकी हमले कोई नई बात नहीं हैं, बल्कि यह एक लंबे समय से जारी षड्यंत्र का हिस्सा हैं। ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक कायराना हरकत थी, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करना और सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। जांच में साफ हो गया है कि इस हमले के तार पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों और उनके संरक्षकों से जुड़े हैं।" उन्होंने आगे कहा, "पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है, जिससे ये अपराधी कानूनी सजा से बच जाते हैं। भारत की कार्रवाई नपी-तुली, जवाबदेह और गैर-उकसावे वाली थी।"

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि यह अभियान मंगलवार देर रात 1:05 बजे शुरू हुआ और लगभग आधे घंटे चला। "इस ऑपरेशन का उद्देश्य 22 अप्रैल के हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना था। पाकिस्तान ने पिछले तीन दशकों में आतंकवाद की फैक्ट्रियां खड़ी की हैं और अब समय है कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाए," उन्होंने कहा। भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि "पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया गया, जहां से हमलावरों को प्रशिक्षण मिला था। इसी तरह बरनाला कैंप और सियालकोट स्थित महमूना कैंप को भी पूरी तरह ध्वस्त किया गया।"

भारतीय सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि बहावलपुर स्थित मरकज़ सुभान अल्लाह जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख संचालन केंद्र था। उन्होंने कहा, "यह स्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर रहा है। यहीं से आतंकियों की नियुक्ति, रणनीतिक योजना और प्रशिक्षण का संचालन किया जाता था। यहां शीर्ष स्तर के आतंकी नेताओं का आना-जाना आम बात थी।"

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