
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के अड्डों पर भारत की सबसे बड़ी स्ट्राइक, आतंक के 9 ठिकाने तबाह
7 मई की रात भारतीय सैन्य इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक बेहद गोपनीय और सटीक अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर व्यापक हवाई हमला किया। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की तीनों शाखाओं—थल सेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वय से अंजाम दिया गया। इस अभियान की पृष्ठभूमि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बैसरन घाटी में हुए एक भयानक आतंकवादी हमला था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इस निर्मम हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गुट The Resistance Front (TRF) पर मढ़ी गई थी।
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में कुल '9 प्रमुख आतंकवादी ठिकानों' को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। यह सभी स्थान पाकिस्तान और PoK के भीतर स्थित थे और इनका संबंध सीधे आतंकवादी संगठनों के मुख्यालय, प्रशिक्षण केंद्रों और धार्मिक कट्टरपंथी ठिकानों से था।
इनमें शामिल हैं:
1. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख केंद्र
2. मरकज तैयबा, मुरिदके – लश्कर-ए-तैयबा का वैश्विक मुख्यालय
3. सरजल, तेहरा कलां – जैश के वरिष्ठ प्रशिक्षकों का अड्डा
4. महमूना जोया, सियालकोट – हिजबुल मुजाहिदीन की गतिविधियों का केंद्र
5. मरकज अहले हदीस, बरनाला – लश्कर का एक कट्टर धार्मिक केंद्र
6. मसकज अब्बास व मसकर रहील शाहिद, कोटली – जैश और हिजबुल के ठिकाने
7. शवाई नाला व सैयदीना बिलाल कैम्प, मुजफ्फराबाद – लश्कर और जैश के प्रशिक्षण शिविर
इन सभी ठिकानों पर हमले अत्यंत सटीक और तकनीकी दृष्टि से परिपक्व तरीके से किए गए, जिससे आतंकियों को भारी नुकसान हुआ।
प्राप्त खुफिया रिपोर्ट्स और मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में लश्कर का मुरिदके स्थित मुख्यालय भारी रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मदरसों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। बहावलपुर का केंद्र, जो लंबे समय से आतंकी सरगना मसूद अजहर का अड्डा रहा है, विशेष निशाने पर रहा।
भारत ने यह स्पष्ट किया है कि इन हमलों में केवल आतंकवादी ठिकानों को लक्ष्य बनाया गया है, न कि किसी भी प्रकार की पाकिस्तानी सैन्य संपत्ति को। यह संदेश आतंकवाद के खिलाफ भारत की "ज़ीरो टॉलरेंस" नीति को दर्शाता है। इस ऑपरेशन में भारत ने अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों और तकनीकों का इस्तेमाल किया। राफेल लड़ाकू विमान, जो उच्च सटीकता के लिए जाने जाते हैं। स्कैल्प मिसाइलें, जिनकी लंबी दूरी और पिन-पॉइंट टारगेटिंग क्षमता ने इन हमलों को सफल बनाया। हैमर बम, जिनका उपयोग दुर्गम इलाकों में भूमिगत ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए किया गया।
इन हथियारों के प्रयोग ने भारत की रक्षा क्षमताओं की वैश्विक स्तर पर शक्ति और परिपक्वता को उजागर किया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से सीधा संपर्क साधा। अमेरिका और इज़राइल जैसे देशों ने भारत की इस आतंक विरोधी कार्रवाई का समर्थन किया है।
यह भारत की कूटनीतिक दक्षता को दर्शाता है कि सैन्य कार्रवाई के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन सुनिश्चित किया गया।
इस ऑपरेशन के बाद भारत के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज़ से कई कदम उठाए गए है। श्रीनगर एयरफील्ड को बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़ एयरपोर्ट को भारतीय सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया है और सभी उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं। सीमावर्ती जिलों में स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों को एहतियातन बंद किया गया है। इंडिगो सहित अन्य एयरलाइंस ने जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर, लेह, धर्मशाला और बीकानेर के लिए यात्रियों को एडवाइजरी जारी की है। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भारत की इस साहसिक कार्रवाई पर पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा है कि समय आने पर जवाब दिया जाएगा। जवाबी हमले की चेतावनी के बाद LoC पर भारी गोलीबारी हुई, जिसमें 3 भारतीय नागरिकों की जान चली गई है। भारतीय सेना ने 7 मई की सुबह 1:49 बजे ऑपरेशन की समाप्ति की पुष्टि की। इसके बाद सुबह 10 बजे एक प्रेस ब्रीफिंग के जरिए मीडिया को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई। सेना ने बताया कि इस ऑपरेशन से देश के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश दिया गया है—"आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
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