बांग्लादेश: शेख हसीना के गढ़ गोपालगंज में NCP रैली के दौरान हिंसा, 4 की मौत, कर्फ्यू लागू

बांग्लादेश में लंबे समय से जारी अस्थिरता के बीच एक बार फिर राजनीतिक हिंसा भड़क उठी है। बुधवार को गोपालगंज में नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) की एक रैली के दौरान हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में दीप्तो साहा (25), रमज़ान काज़ी (18), सोहेल राणा (30) और इमोन (24) शामिल हैं। गोपालगंज, जिसे प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके पिता, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान का गृहनगर माना जाता है, अब पूरी तरह तनाव के साए में है। जिला प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए इलाके में धारा 144 लागू कर दी है, वहीं 22 घंटे का कर्फ्यू भी घोषित किया गया है।


बांग्लादेश में हिंसा कैसे भड़की?

स्थानीय मीडिया Prothom Alo के मुताबिक, दोपहर करीब 2:30 बजे NCP के काफिले पर हमला हुआ। इससे पहले अवामी लीग के नेताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हो चुकी थीं। कहा जा रहा है कि NCP नेताओं ने अपने भाषणों में शेख मुजीब की विरासत को चुनौती देने की बातें की थीं, जिससे माहौल और गरमा गया।

रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया, जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों को हालात काबू में करने के लिए गोली चलानी पड़ी। घटना में कम से कम 15 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। उन्हें इलाज के लिए ढाका रेफर किया गया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने इस हिंसा के लिए सत्ताधारी अवामी लीग को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है, और उसे दबाने की कोशिश लोकतंत्र पर हमला है। यूनुस ने मांग की कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए। वहीं NCP ने आरोप लगाया कि शेख हसीना के समर्थकों ने रैली पर हमला किया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की चार अतिरिक्त प्लाटून गोपालगंज में तैनात की गई हैं।

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article