
धावक फौजा सिंह की सड़क हादसे में मौत, पुलिस ने आरोपी NRI को 30 घंटे में दबोचा
114 साल की उम्र में भी युवाओं को प्रेरित करने वाले मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पूरी दुनिया में "पगड़ीधारी बवंडर" के नाम से मशहूर इस जीवंत धावक का अंत एक लापरवाह ड्राइवर की वजह से हुआ। पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास गांव में सोमवार सुबह हुई इस घटना ने खेल जगत और आमजन को गहरे शोक में डाल दिया है। इस दुर्घटना को अंजाम देने वाले एनआरआई युवक अमृतपाल सिंह ढिल्लों को पुलिस ने घटना के 30 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है।
क्या हुआ था फौजा सिंह के साथ ?
सोमवार सुबह की शुरुआत फौजा सिंह के लिए हर दिन की तरह ही थी। वे रोज की तरह अपने गांव ब्यास में टहलने निकले थे। उसी दौरान तेज़ रफ्तार में आ रही एक SUV (फॉर्च्यूनर) ने उन्हें टक्कर मारी और बिना रुके घटनास्थल से फरार हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, फौजा सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
फौजा सिंह की मौत से गांव के लोग, देशभर के खेल प्रेमी और अंतरराष्ट्रीय मैराथन समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। 100 साल की उम्र पार कर चुके इस बुजुर्ग ने लंदन, न्यूयॉर्क, टोरंटो और हांगकांग जैसे शहरों में मैराथन पूरी कर दुनिया को चौंकाया था।
1911 में पंजाब के जलाल गांव में जन्मे फौजा सिंह ने 80 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था। उन्होंने न केवल अपनी उम्र को मात दी बल्कि उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा बन गए जो उम्र बढ़ने को कमजोरी समझते हैं। 2011 में जब वे 100 वर्ष के हुए, तब उन्होंने ‘सेंचुरी रनर’ बनकर इतिहास रचा। उनकी फिटनेस, आहार शैली और अनुशासन के किस्से देश-विदेश में सुने और पढ़े जाते रहे हैं।
कैसे पकड़ा गया आरोपी NRI?
हादसे के बाद पुलिस ने इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और आसपास के लोगों से बयान दर्ज किए। फुटेज में एक काली फॉर्च्यूनर SUV दिखी, जिससे मामला आगे बढ़ा। जांच में पता चला कि यह गाड़ी कपूरथला निवासी वरिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है। जब पुलिस ने वरिंदर से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसने यह गाड़ी दो साल पहले ही एनआरआई युवक अमृतपाल सिंह ढिल्लों को बेच दी थी। ढिल्लों कुछ दिन पहले ही कनाडा से भारत लौटा था।
इसके बाद पुलिस ने जालंधर के दसूपुर गांव में देर रात छापा मारा और आरोपी अमृतपाल को हिरासत में ले लिया। भोगपुर थाने में पूछताछ के दौरान ढिल्लों ने जुर्म कबूल कर लिया।
प्रारंभिक पूछताछ में अमृतपाल ढिल्लों ने बताया कि वह मुकेरियां से अपना पुराना मोबाइल बेचकर लौट रहा था। ब्यास के पास उसकी SUV किसी चीज़ से टकराई, लेकिन उसे अहसास नहीं हुआ कि वह एक व्यक्ति से टकराया है। जब उसने मीडिया रिपोर्ट्स में फौजा सिंह की मौत की खबर देखी, तब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। ढिल्लों ने यह भी बताया कि उसकी मां और बहनें कनाडा में रहती हैं और वह केवल कुछ समय के लिए भारत आया था।
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