परमाणु विराम पर ट्रंप ने पहली बार ‘खुद’ को श्रेय देने के बजाय ‘दो चतुर’ नेताओं का लिया नाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के दो "बहुत चतुर" नेताओं ने ऐसा युद्ध न जारी रखने का निर्णय लिया जो परमाणु संघर्ष में बदल सकता था। यह पहली बार है कि ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय खुद को नहीं दिया। उनके अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस संघर्ष को रोकने में समझदारी और परिपक्वता दिखाई। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर के साथ व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन के बाद ट्रंप ने मीडिया से कहा कि वह उनसे मिलकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या बैठक में ईरान पर चर्चा हुई, तो ट्रंप ने कहा कि मुनीर ईरान को अच्छी तरह जानते हैं और मौजूदा स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। 


ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मुनीर और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संघर्ष खत्म करने और युद्ध से बचने के लिए धन्यवाद किया। हाल ही में कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप और मोदी की मुलाकात की योजना थी। लेकिन इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण ट्रंप को वाशिंगटन लौटना पड़ा। हालांकि, दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की, जिसमें मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने का निर्णय दोनों देशों के सैन्य संवाद चैनलों के माध्यम से लिया गया था, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौतों पर चर्चा हो रही है। ट्रंप ने मोदी को "शानदार व्यक्ति" बताया और कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने की दिशा में प्रयास जारी हैं।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया। इस अभियान के तहत आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके बाद चार दिनों तक सैन्य संघर्ष चला, जो 10 मई को समाप्त हुआ। ट्रंप ने इस संघर्ष को रोकने में भारत और पाकिस्तान दोनों की भूमिका की सराहना की और कहा कि यह उनकी साझा समझ और परिपक्वता का परिणाम है। दिल्ली में भारतीय सरकार के सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने संघर्ष को रोकने पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कोई बाहरी मध्यस्थ नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्पष्ट किया कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा, और इस मुद्दे पर भारत में राजनीतिक सहमति है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर 35 मिनट तक बातचीत की थी। 

इसमें उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारत अब आतंकवाद को छद्म युद्ध के रूप में नहीं बल्कि युद्ध के रूप में देखता है। मोदी ने यह भी बताया कि "ऑपरेशन सिंदूर" अभी भी जारी है और भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु संपन्न देशों के बीच किसी भी बड़े संघर्ष को रोकना दुनिया के लिए बेहद जरूरी था। उन्होंने कहा कि यह उनकी प्राथमिकता थी कि दोनों देशों के नेताओं को साथ लाकर किसी संभावित परमाणु युद्ध को रोका जाए। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने की अपनी मंशा दोहराई।

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