ईरान में इजरायल का ऑपरेशन: इजरायल ने दुनियाभर में दूतावास बंद करने का लिया फैसला

इजरायल ने अपने दूतावासों को दुनियाभर में अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। स्वीडन स्थित इजरायली दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए यह कदम आवश्यक है। बर्लिन स्थित दूतावास को पहले ही बंद कर दिया गया है, और अन्य दूतावासों को भी अगली सूचना तक बंद रखा जाएगा। मध्य पूर्व में तनाव के कारण हवाई सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। ईरान और इजरायल दोनों ने अपने-अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं। इसके अलावा, पड़ोसी देशों इराक, सीरिया, जॉर्डन, और लेबनान ने भी अपनी वायुसीमा अस्थायी रूप से बंद कर दी है। इस फैसले का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ रहा है, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हमले के बाद बने हालात ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। फ्रांस, ब्रिटेन, और जर्मनी के नेताओं ने इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया है।

इजरायल ने हाल ही में ईरान पर एक बड़ा और विनाशकारी हमला किया है, जिसमें ईरान के शीर्ष सैन्य नेतृत्व को भारी नुकसान पहुंचा है। इस हमले में ईरान की सेना के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी और उसके मिसाइल प्रोग्राम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजिजादेह की मौत हो गई है। इसके साथ ही, ईरान के 20 अन्य शीर्ष सैन्य कमांडरों को भी निशाना बनाया गया है। हमले ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भी बड़ा झटका दिया है, जिससे ईरान की सैन्य और सामरिक ताकत कमजोर हुई है। हमले के बाद, ईरान ने कड़ी चेतावनी दी है और दावा किया है कि अब संघर्ष का अंत वह स्वयं करेगा। इस बढ़ते तनाव के बीच इजरायल ने अपनी सुरक्षा को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं। 

अमेरिकी प्रशासन ने भी अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि अगर ईरान ने इजरायल पर हमला किया, तो अमेरिका यहूदी देश की हर संभव रक्षा करेगा। अमेरिका और इजरायल के इस सहयोग ने मध्य पूर्व में महायुद्ध की आशंकाओं को और बल दिया है। इजरायल ने संभावित हमलों को देखते हुए अपने सबसे बड़े प्राकृतिक गैस क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। ऊर्जा मंत्री के अनुसार, ईरान इस गैस क्षेत्र को निशाना बना सकता है, इसलिए उत्पादन रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, इजरायल ने दुनियाभर में अपने नागरिकों और यहूदी समुदाय को सतर्क रहने और सार्वजनिक स्थानों पर यहूदी प्रतीकों का प्रदर्शन न करने की सलाह दी है। दूसरी ओर, ईरान ने इस हमले के जवाब में अपनी सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं। उसने अपने मिसाइल कार्यक्रम और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के संकेत दिए हैं। वहीं, इजरायल ने अपनी सुरक्षा एजेंसियों को उच्चतम अलर्ट पर रखा है और कहा है कि वह किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। इस हमले के चलते वैश्विक बाजारों पर भी असर पड़ा है। 

कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है, जबकि एयरलाइन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है। इस संकट का आर्थिक और सामरिक प्रभाव आने वाले दिनों में और अधिक गहरा हो सकता है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता यह संघर्ष न केवल मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है। यदि हालात जल्द नहीं सुधरे, तो यह टकराव एक बड़े युद्ध में बदल सकता है, जिससे वैश्विक शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा हो सकता है।

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