
ट्रंप के विदेशी छात्रों पर प्रतिबंध के खिलाफ हार्वर्ड ने खोला मोर्चा, कोर्ट में दी चुनौती
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अमेरिका में पढ़ाई करने के इच्छुक विदेशी छात्रों के प्रवेश पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को न्यायालय में चुनौती दी है। विश्वविद्यालय ने इसे प्रतिशोध की भावना से उठाया गया कदम बताया है और आरोप लगाया है कि यह निर्णय व्हाइट हाउस की नीतियों से असहमति के कारण लिया गया है। ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में हस्ताक्षरित शासकीय आदेश के तहत हार्वर्ड सहित अमेरिका के प्रतिष्ठित ‘आइवी लीग’ विश्वविद्यालयों में पढ़ने आ रहे लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के देश में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि आइवी लीग अमेरिका के आठ प्रमुख निजी विश्वविद्यालयों का समूह है, जिसमें हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन और कोलंबिया जैसे संस्थान शामिल हैं।
संशोधित याचिका में हार्वर्ड ने राष्ट्रपति ट्रंप की कार्रवाई को अदालत के पूर्व आदेशों का उल्लंघन बताया है। विश्वविद्यालय ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या राष्ट्रपति को ऐसा कदम उठाने का कानूनी अधिकार भी प्राप्त है। याचिका के अनुसार, ट्रंप ने जिस संघीय कानून का हवाला दिया है, वह केवल उन विदेशी नागरिकों पर लागू हो सकता है जिन्हें अमेरिका के हितों के लिए ‘हानिकारक’ माना जाए, जबकि हार्वर्ड के छात्रों पर यह परिभाषा लागू नहीं होती।
हार्वर्ड ने अपनी याचिका में स्पष्ट शब्दों में कहा, “यह निर्णय अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रतिशोध लेने के उद्देश्य से लिया गया है।” विश्वविद्यालय ने कहा कि किसी विशेष संस्थान में अध्ययन के इच्छुक छात्रों को 'हानिकारक विदेशी वर्ग' के तहत वर्गीकृत करना न केवल अनुचित, बल्कि संविधान विरोधी भी है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने आदेश में लिखा है कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय का विदेशी छात्रों को अपने परिसर में आमंत्रित करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने तर्क दिया कि हार्वर्ड का हालिया आचरण इस संस्थान को विदेशी शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए "अनुपयुक्त गंतव्य" बनाता है।
उन्होंने जिस संघीय कानून का उल्लेख किया है, वह उन्हें यह अधिकार देता है कि वे उन विदेशियों के अमेरिका में प्रवेश को प्रतिबंधित कर सकें, जिन्हें वे देश की सुरक्षा या हितों के लिए जोखिमपूर्ण मानते हैं। ट्रंप ने आतंकवादी संगठनों से संबंधित विदेशियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों का भी हवाला दिया है। बुधवार रात जारी एक आधिकारिक बयान में हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कहा, “हम अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस अन्यायपूर्ण आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।”
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