20 करोड़ के कर्ज में डूबा परिवार, प्रवीण मित्तल की अंतिम सांसों ने बताया जिंदगी से हार की वजह

हरियाणा के पंचकूला में  हुई सामूहिक आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक ही परिवार के सात सदस्यों ने कथित तौर पर कार में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। यह दिल दहला देने वाली घटना सेक्टर 27 की है, जहां बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शामिल होने के बाद परिवार ने यह खौफनाक कदम उठाया।


पुलिस को घटनास्थल से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जो परिवार के मुखिया प्रवीण मित्तल द्वारा लिखा गया बताया जा रहा है। नोट में प्रवीण ने स्वीकार किया कि वे दिवालिया हो चुके हैं और भारी कर्ज के चलते पूरे परिवार को आर्थिक संकट में डाल दिया। उन्होंने अपने ससुराल पक्ष को इस त्रासदी के लिए ज़िम्मेदार न ठहराने की अपील की। साथ ही लिखा कि उनके अंतिम संस्कार और सभी रस्में उनके मामा का बेटा निभाएगा।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवीण और उनके परिवार पर करीब 20 करोड़ रुपये का कर्ज था। उनके मामा के बेटे के मुताबिक, परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। यह मानसिक दबाव ही आत्महत्या की बड़ी वजह बना। रविवार देर शाम स्थानीय निवासियों ने एक कार में सात लोगों को बेहोश हालत में पाया। उनमें से एक व्यक्ति को बाहर निकाला गया, जिसकी सांसें अभी चल रही थीं। उसने बताया कि परिवार कर्ज में डूबा हुआ था और उसने भी ज़हर खा लिया है।

प्रवीण मित्तल मूल रूप से हिसार के बरवाला के रहने वाले थे। 12 साल पहले उन्होंने पंचकूला में बसने का फैसला किया था। उनके पास हिमाचल प्रदेश में एक स्क्रैप फैक्ट्री थी, जिसे बैंक ने कर्ज न चुकाने के कारण जब्त कर लिया था। उनके चचेरे भाई संदीप अग्रवाल ने बताया कि बकाया बढ़ने पर परिवार को हिसार छोड़कर देहरादून जाना पड़ा, जहां वे वर्षों तक गुमनामी में रहे। प्रवीण के पास जो भी संपत्तियां थीं  दो फ्लैट, एक फैक्ट्री और वाहन  बैंक द्वारा जब्त कर ली गईं।

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