
सुप्रीम कोर्ट से मंत्री विजय शाह को गिरफ़्तारी से राहत, हाईकोर्ट की सुनवाई रोकी
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह को एक बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर लगाई गई अंतरिम रोक की अवधि बढ़ा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही को भी स्थगित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह खुद इस मामले की निगरानी कर रहा है, इसलिए उच्च न्यायालय को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। विजय शाह ने एक सार्वजनिक मंच पर भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की थी।
कर्नल कुरैशी ने हाल ही में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों के खिलाफ चले 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर मीडिया को जानकारी दी थी। इस टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
19 मई को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) के गठन का निर्देश दिया था। बुधवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने एसआईटी द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त किया। रिपोर्ट के अनुसार: एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है, कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं, गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह मामला अब शीर्ष अदालत की निगरानी में है, ऐसे में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को इसकी सुनवाई से दूर रहना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले का राजनीतिकरण न करने की सलाह भी दी और कहा कि वह इसे निष्पक्ष रूप से देख रहा है। इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पुलिस को उनके खिलाफ दुश्मनी और नफरत फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने उनकी टिप्पणी को “गटर जैसी भाषा” करार दिया था। सार्वजनिक आलोचना के बाद विजय शाह ने खेद प्रकट करते हुए कहा था कि वह कर्नल कुरैशी को अपनी बहन से भी अधिक सम्मान देते हैं।
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