
ऑपरेशन सिंदूर: शहीदों की याद में चौकियों का नाम, BSF महिला सैनिकों ने बढ़ाया मान
BSF ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मीडिया के साथ साझा कीं। जम्मू फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन के दौरान BSF की महिला कर्मियों ने अग्रिम चौकियों पर बहादुरी से लड़ाई लड़ी। विशेष रूप से सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली, वहीं कांस्टेबल मंजीत कौर, मलकीत कौर, ज्योति, संपा और स्वप्ना ने पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाई।
उन्होंने यह भी बताया कि शहीद जवानों की याद में BSF ने दो चौकियों का नाम उनके सम्मान में रखने का प्रस्ताव दिया है, जबकि एक चौकी का नाम ‘सिंदूर’ रखने की भी सिफारिश की गई है। इस दौरान BSF ने सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार के बलिदान को याद किया।
आईजी शशांक आनंद ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से की गई गोलीबारी के जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों ने प्रभावी और कड़ा पलटवार किया। 9 और 10 मई की रात नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों के लॉन्चपैड पर भी निशाना साधा गया। आनंद ने बताया कि पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया, जबकि भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ।
सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अपने लॉन्चपैड और शिविरों में लौटने की खबर मिली है। इसके मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी गई है। BSF डीआईजी चित्तर पाल ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से 9 मई को गोलाबारी के दौरान अब्दुलियान गांव को भी निशाना बनाया गया, लेकिन BSF जवानों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। ड्रोन हमलों के जवाब में मस्तपुर के आतंकी लॉन्चपैड को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। गोलीबारी के दौरान पाकिस्तानी सैनिक अपनी चौकियां छोड़कर भागते भी देखे गए।
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