
मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता का बयान- हम पहले नहीं गए ताकि शांति बहाल हो सके
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि हालिया दंगों से प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में अब स्थिति पूरी तरह स्थिर हो गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने यह टिप्पणी उस समय की जब वह दो दिवसीय दौरे पर मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हो रही थीं। उन्होंने कहा, “मैं पहले भी वहां जा सकती थी, लेकिन जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती, तब तक मेरा जाना उपयुक्त नहीं होता। अब हालात नियंत्रण में हैं, इसलिए मैं दौरे पर जा रही हूं।”
हेलीकॉप्टर में सवार होने से पहले ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, “मुझे नहीं पता कि राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को क्या रिपोर्ट सौंपी है। राज्यपाल की तबीयत ठीक नहीं है, हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
इससे पहले राज्यपाल बोस ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर गृह मंत्रालय को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में उन्होंने स्थिति को गंभीर बताते हुए कट्टरपंथ और उग्रवाद को राज्य के लिए बढ़ती चुनौती बताया और संविधान के अनुच्छेद 356 के संभावित उपयोग का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा से जुड़े मसलों पर हमारी पार्टी हमेशा एकजुटता दिखाएगी, चाहे वह आंतरिक हो या बाहरी।” सीएम बनर्जी ने बताया कि सोमवार को वे बरहामपुर में जिला समीक्षा बैठक करेंगी, जबकि मंगलवार को वे धुलियान का दौरा करेंगी, जो हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा और जिनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उन्हें राज्य सरकार की ओर से सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपनी रिपोर्ट में हिंसा को “पूर्वनियोजित” करार दिया और कहा कि राज्य सरकार को पहले से आसन्न खतरे की जानकारी थी। उन्होंने बांग्लादेश सीमा से लगे जिलों में केंद्रीय बलों की चौकियां स्थापित करने, जांच आयोग के गठन और आवश्यकता पड़ने पर अनुच्छेद 356 लागू करने जैसे कदमों की सिफारिश की है।
मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई थी, जिनमें एक पिता और उसका पुत्र भी शामिल था। कई लोग घायल भी हुए थे।
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