CJI पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ, दुबे पर नहीं होगी कार्यवाही

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर विचार नहीं करेगा। यह याचिका दुबे द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर की गई थी। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में कोई विस्तृत सुनवाई नहीं करेगी, बल्कि एक संक्षिप्त आदेश पारित किया जाएगा, जिसमें कारणों का उल्लेख होगा।



याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने अदालत से अनुरोध किया था कि न्यायपालिका और संस्थानों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले ऐसे बयानों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। तिवारी ने तर्क दिया कि दुबे की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली है, जो भारतीय न्याय संहिता और 1971 के न्यायालय की अवमानना अधिनियम की धारा 15 के तहत दंडनीय अपराध है। 

दुबे ने समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा था, “सीजेआई संजीव खन्ना देश में गृहयुद्ध जैसे हालातों के लिए जिम्मेदार हैं।” यह बयान हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर रोक के प्रस्ताव के बाद आया था, जिसे सीजेआई खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने सुना था।

याचिका में कहा गया कि ऐसे बयानों से न केवल न्यायपालिका की साख को नुकसान पहुंचता है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है। साथ ही यह भी तर्क दिया गया कि जब नफरत फैलाने वाले भाषणों की बात आती है, तो राजनीतिक दल अब न्यायपालिका को भी निशाना बनाने से नहीं हिचकते। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में निशिकांत दुबे के खिलाफ एक अन्य अवमानना याचिका पहले से लंबित है।

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