सेक्युलरिज़्म हटाने की बात खतरनाक, RSS को लालू यादव की दो टूक चेतावनी

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को हटाने की होसबोले की सलाह को खारिज करते हुए इसे लोकतंत्र और सामाजिक न्याय पर सीधा हमला बताया। 


लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “देश का सबसे जातिवादी और नफरत फैलाने वाला संगठन RSS अब संविधान बदलने की बात कर रहा है। यह संविधान, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है।” 

दरअसल, होसबोले ने 25 जून को आपातकाल की वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि "‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ जैसे शब्द संविधान की मूल प्रस्तावना का हिस्सा नहीं थे। इन्हें आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार ने जोड़ा था।" उन्होंने यह भी कहा कि इन शब्दों की मौजूदा प्रासंगिकता पर विचार होना चाहिए और कांग्रेस से आपातकाल के लिए सार्वजनिक माफी की मांग की। 

लालू यादव ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन लोगों में संविधान में दिए गए आरक्षण जैसे प्रावधानों को छूने की हिम्मत नहीं है, लेकिन वे लगातार संविधान की आत्मा और बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह लोकतंत्र विरोधी और सामाजिक न्याय के विरुद्ध है।  RJD प्रमुख ने दावा किया कि RSS और उसके राजनीतिक सहयोगी संविधान की मूल भावना को कमजोर करने की योजना पर काम कर रहे हैं और देश के नागरिकों को इस ‘खतरनाक एजेंडे’ को समझने और इसके खिलाफ आवाज़ उठाने की जरूरत है।

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