
UAE में फंसे झारखंड के मजदूर, तीन महीने से बिना सैलरी, खाने को भी नहीं बचे पैसे
झारखंड के हजारीबाग और गिरिडीह जिलों से रोज़गार की तलाश में अबू धाबी गए 15 मजदूर गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के काम के लिए ले जाए गए इन मजदूरों को बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। हालात ऐसे हैं कि उनके पास न तो किराया देने के पैसे हैं, न ही खाने का इंतज़ाम कर पाने की स्थिति में हैं। इन मजदूरों ने भारत सरकार और झारखंड सरकार से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत वापस लाने की व्यवस्था की जाए।
मजदूरों में शामिल चारुमान ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “ठेकेदार ने हमें भरोसा दिलाया था कि उनकी कंपनी 10 साल से भी अधिक समय से यहां काम कर रही है। लेकिन तीन महीने से हमें एक भी पैसा नहीं मिला। मकान मालिक ने पानी का कनेक्शन काट दिया है और घर खाली करने का दबाव बना रहा है।” बिष्णुगढ़ के 28 वर्षीय अर्जुन महतो कहते हैं, “हमने जीवन में यही काम सीखा है, लेकिन बीते तीन महीने बेहद कठिन रहे हैं। कभी-कभी ठेकेदार सिर्फ 600 रुपये देता था और कहता था कि इसे आठ लोगों में बांट लो।”
वहीं, 40 वर्षीय विष्णु महतो ने बताया कि उनके परिवारवाले बेहद चिंतित हैं और उनकी सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
इन मजदूरों ने प्रवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली से संपर्क किया है। अली ने बताया कि वे लगातार भारतीय दूतावास और संबंधित सरकारी विभागों से बात कर रहे हैं।
झारखंड राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष (SMCR) की प्रमुख शिखा लाकड़ा ने बताया कि विदेश मंत्रालय और दुबई स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से मजदूरों की सुरक्षित वापसी के प्रयास जारी हैं।
दुखद अनुभवों के बावजूद ये प्रवासी मजदूर मानते हैं कि विदेश में बेहतर वेतन मिलने की संभावना उन्हें फिर बाहर जाने के लिए मजबूर कर सकती है। एक मजदूर ने कहा, “थोड़ी बहुत बचत हो जाती है, जिससे घर खर्च चलता है।"
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download