
मध्य पूर्व में युद्ध की दस्तक? इजरायल ने ईरान पर हमले की पूरी तैयारी की, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा
दुनिया एक और युद्ध के मुहाने पर खड़ी दिख रही है। CBS न्यूज़ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इज़रायल, ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने की पूरी तैयारी कर चुका है। अमेरिका को आशंका है कि यदि ऐसा होता है, तो ईरान इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है। इसी खतरे के मद्देनज़र अमेरिका ने बुधवार को अपने नागरिकों को मध्य पूर्व के कुछ देशों से निकलने की एडवाइजरी जारी की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने इराक में मौजूद गैर-आपातकालीन सरकारी अधिकारियों को तत्काल देश छोड़ने का निर्देश दिया है।
मध्य पूर्व मामलों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ जल्द ही ईरान के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर छठे दौर की परमाणु वार्ता शुरू करने की योजना बना रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने कैनेडी सेंटर में लेस मिजरेबल्स के एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा कि कुछ अमेरिकी सैन्यकर्मियों को क्षेत्र से हटा लिया गया है क्योंकि वहां संभावित खतरा मंडरा रहा है।
टाइम्स ऑफ इज़रायल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग ने बहरीन और कुवैत से भी गैर-आवश्यक स्टाफ और उनके परिजनों को अमेरिका लौटने का विकल्प दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि अमेरिका ईरान को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र नहीं बनने देगा। उन्होंने कहा,
“हमने बाहर निकलने के निर्देश दे दिए हैं क्योंकि यह एक खतरनाक इलाका बन सकता है। हम देखेंगे आगे क्या होता है, लेकिन एक बात तय है — ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।”
विदेश विभाग के अनुसार, अमेरिका अपने राजनयिक मिशनों में स्टाफ की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहा है और इराक में अपने मिशन की उपस्थिति फिलहाल घटाई जा रही है।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन को डर है कि अगर अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता विफल हो जाती है, तो इज़रायल अमेरिका की अनुमति के बिना ही ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप भी कई बार कह चुके हैं कि अगर बातचीत असफल होती है तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।
न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने संकेत दिया कि उन्हें अब यह भरोसा नहीं रह गया है कि ईरान यूरेनियम संवर्धन बंद करने पर सहमत होगा, जो अमेरिका की प्रमुख मांगों में से एक है।
ईरान ने भी बार-बार चेताया है कि अगर उस पर हमला हुआ, तो अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ईरानी रक्षा मंत्री अजीज नसीरजादेह ने साफ कहा है कि ईरान पर हमला हुआ तो वह क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा।
इस बीच, वाशिंगटन ने दुनिया भर में उन दूतावासों को हाई अलर्ट पर रखा है जो ईरानी मिसाइलों की रेंज में आते हैं — खासकर मध्य पूर्व, पूर्वी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के मिशनों को। सभी को "इमरजेंसी एक्शन कमिटी" गठित कर जोखिम कम करने के उपाय अपनाने को कहा गया है।
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