
पाकिस्तान का स्वर्ण मंदिर पर हमला असंभव, SGPC का सेना से अलग बयान
पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर को भी हवाई हमले का निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एडवांस डिफेंस सिस्टम की मदद से इसे पूरी तरह से कवर किया और दुश्मन के हमले को नाकाम कर दिया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना की जानकारी दी, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का इस पर मत थोड़ा अलग है। एसजीपीसी के चीफ सेक्रेटरी कुलवंत सिंह मनन का मानना है कि पाकिस्तान की सेना गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की सोच भी नहीं सकती थी। उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान दोनों की सेनाओं के अपने राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि कोई भी जनरल या आर्मी कमांडर स्वर्ण मंदिर पर हमले की योजना नहीं बना सकता। यह एक पवित्र स्थल है, जहां दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं और प्रार्थना करते हैं।"
कुलवंत सिंह मनन ने आगे कहा, "स्वर्ण मंदिर की पवित्रता और यहां की आत्मिक शांति को देखते हुए, किसी भी सैन्य अधिकारी के लिए यह विचार भी असंवेदनशील होगा कि वह इस धार्मिक स्थल पर हमला करे।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्वर्ण मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है और लोग पहले की तरह ही रोजाना यहां आते हैं। उन्होंने कहा, "यह मंदिर शांति और भलाई का प्रतीक है, और यहां की भक्तिपूर्ण माहौल में कभी कोई डर या खतरा नहीं महसूस किया गया। लोग आज भी बिना किसी डर के मंदिर आते हैं।"
जब कुलवंत सिंह मनन से भारतीय सेना के बयान पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसके बारे में बात करने से इनकार किया और कहा कि उन्हें इस प्रकार की चर्चाओं में विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर यकीन नहीं करता कि पाकिस्तान की सेना गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की कोशिश कर सकती है।" उनका मानना है कि इस तरह के बयान केवल राजनीतिक उद्देश्य से दिए जा रहे हैं, और वे इसके पीछे की सच्चाई से पूरी तरह असहमत हैं।
भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने के लिए हवाई हमला किया था, लेकिन भारतीय सेना ने अपने आकाश और एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की मदद से उस हमले को आसमान में ही नाकाम कर दिया। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान की आक्रमकता को पूरी तरह से विफल कर दिया। यह घटना तब हुई जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी, जिसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया और लगभग 100 आतंकवादी मारे गए। इस सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया था और उसने भारत के खिलाफ युद्ध की धमकी दी थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था।
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