
भारत में तुर्की के खिलाफ आर्थिक मोर्चा, व्यापारियों ने कहा- अब नहीं होगा कोई आयात
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान तुर्की की भूमिका को लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने के बाद सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड करने लगा है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर तुर्की से आयातित उत्पादों के बहिष्कार की व्यापक अपील की जा रही है। इस डिजिटल विरोध की गूंज अब धरातल पर भी सुनाई देने लगी है। देश के कई व्यापारिक संगठनों और मंडियों ने तुर्की के सामानों के बहिष्कार का ऐलान किया है। पुणे, महाराष्ट्र और गाजियाबाद जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में व्यापारी संगठनों ने तुर्की से व्यापारिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की है।
स्पाइस एंड ड्राई फ्रूट्स एसोसिएशन के सदस्य और पुणे मर्चेंट्स चैंबर्स के निदेशक नवीन गोयल ने ANI से बात करते हुए कहा,
"तुर्की ने पाकिस्तान का खुला समर्थन कर हमारे देश के हितों के खिलाफ कदम उठाया है। यह हमारे लिए अस्वीकार्य है। हम तुर्की से आने वाले सभी उत्पादों, विशेषकर ड्राई फ्रूट्स का पूर्ण बहिष्कार कर रहे हैं। आयातकों और उपभोक्ताओं दोनों से अनुरोध है कि वे तुर्की उत्पादों से दूरी बनाएं।"
गोयल के मुताबिक,
"केवल पुणे में हर महीने 100-200 करोड़ रुपये के तुर्की उत्पादों का लेन-देन होता है, जबकि महाराष्ट्र भर में यह आंकड़ा 1000-2000 करोड़ रुपये तक पहुंचता है। पूरे भारत में यह कारोबार 10,000-20,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है। यदि व्यापक स्तर पर बहिष्कार किया गया तो तुर्की की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा।"
साहिबाबाद फल मंडी, गाजियाबाद के व्यापारियों ने भी तुर्की से सेब और अन्य फल उत्पादों के आयात को बंद करने का निर्णय लिया है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा,
"तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद का समर्थन किया है। हम ऐसे देश से व्यापार नहीं करना चाहते जो हमारे खिलाफ कार्य कर रहा हो।"
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