वक़्फ़ बिल का विरोध करने पर ‘गद्दार’ के लगे पोस्टर, भड़के संजय सिंह ने ‘हिन्दुओं’ को चेताया

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने हाल ही में अपने खिलाफ लगाए गए होर्डिंग्स को लेकर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी की एक साजिश बताया और पार्टी पर जोरदार हमला बोला। इन होर्डिंग्स में वक्फ बिल का विरोध करने के कारण उन्हें वतन, धर्म और पूर्वजों का गद्दार करार दिया गया था। संजय सिंह ने शुक्रवार को एक ऐसा पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें उन्हें इस तरह की आपत्तिजनक बातें लिखी गई थीं, और उन्होंने इस पोस्टर के जरिए भाजपा की आलोचना की। संजय सिंह ने भाजपा को सीधे तौर पर "चंदा चोर, गाय काटने वाली कंपनी से चंदा लेने वाला और हिंदू धर्म के साथ गद्दारी करने वाला" तक कहा। अपने खिलाफ लगे होर्डिंग को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उन्होंने भाजपा के कार्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, "प्रभु श्रीराम के मंदिर में चंदा चोरी करने वाले, अयोध्या में रक्षा विभाग की जमीन अडानी को देने वाले, काशी में 300 से अधिक मंदिरों को तोड़ने वाले, गाय काटने वाली कंपनी से चंदा लेने वाले, और हिंदू धर्म के साथ गद्दारी करने वाले भाजपाई मेरे खिलाफ होर्डिंग्स लगवा रहे हैं।" 


संजय सिंह ने हिंदू समुदाय से सावधान रहने की अपील की और कहा, "तुम्हारे मंदिरों की जमीन भी मोदी जी अडानी को दे देंगे, जैसे काशी में मंदिरों को तोड़कर मोदी जी ने जमीन व्यापारियों को दे दी।" वक्फ संशोधन बिल पर संसद में चर्चा के दौरान संजय सिंह ने इसका कड़ा विरोध किया और इसे भाजपा द्वारा संपत्ति हड़पने की साजिश बताया। संसद में बोलते हुए संजय सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, "वक्फ बिल पर बोलते वक्त मैंने एक कटुसत्य बोल दिया, पूरी भाजपा चीखने लगी। आप ही बताइए, प्रभु श्रीराम के मंदिर में चंदा किसने किया?" उन्होंने यह भी कहा कि "पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को मंदिर की कमेटियों में आरक्षण दिया जाए।" उनका यह बयान भाजपा के लिए एक सीधी चुनौती थी, क्योंकि वह अक्सर ऐसे मुद्दों पर मुस्लिम समुदाय के पक्ष में खड़े होते हैं। संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए भी इस बिल के खिलाफ अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हमने इस बिल का विरोध जेपीसी में भी किया, लोकसभा में भी विरोध दर्ज कराया, और अब जब यह बिल राज्यसभा में आएगा तो हम वहां भी इसका विरोध करेंगे। यह बिल भारतीय संविधान के खिलाफ है। जब बाबा साहेब अंबेडकर और भारतीय संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है, तो इस बिल को विवाद और झगड़ा पैदा करने के उद्देश्य से लाया गया है।" वहीं जिस दिन वक्फ संशोधन बिल पास हुआ, उस दिन संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "आज बाबा साहब के संविधान की हत्या हुई है, वक्फ बिल धार्मिक संपत्तियों पर कब्जे की शुरुआत है। मेरी बात याद रखना, पहले वक्फ की जमीन कब्जा करके अपने दोस्तों को दी जाएगी, फिर गुरुद्वारा, चर्च और मंदिरों का नंबर आएगा।" 

संजय सिंह का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि उनका विरोध केवल वक्फ बिल तक सीमित नहीं है, बल्कि वे भाजपा द्वारा संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के खिलाफ भी खड़े हैं। इसके अलावा, संजय सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह केवल अपनी राजनीतिक फायदे के लिए इस बिल का समर्थन कर रही है और यह देश में धार्मिक और सामाजिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा अपनी नीतियों में भेदभाव और तानाशाही की प्रवृत्ति दिखाई है, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं और संविधान का उल्लंघन करती है। उनका यह बयान पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ एक सशक्त राजनीतिक चुनौती के रूप में सामने आया है। संजय सिंह के अनुसार, भाजपा सरकार की यह कार्रवाई केवल अपने सहयोगियों और समर्थकों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन इससे देश की धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान हो रहा है।

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