
JDU ने BJP से शहजाद पूनावाला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, पूर्वांचल के वोटरों में नाराजगी
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने गुरुवार को अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा से एक सख्त मांग की है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। यह मांग तब उठाई गई जब शहजाद पूनावाला ने एक समाचार चैनल की बहस में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक ऋतुराज झा के उपनाम पर टिप्पणी की, जिससे पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों में गहरी नाराजगी फैल गई। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, "पूनावाला की टिप्पणियों से पूर्वांचल के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनका बयान पूरी तरह से गलत था और इससे लोगों में गुस्सा पैदा हुआ है।
हम भाजपा से मांग करते हैं कि वे इस मामले में उचित कदम उठाएं और शहजाद पूनावाला के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।"
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बुधवार को एक टीवी डिबेट में शहजाद पूनावाला ने आप विधायक ऋतुराज झा के उपनाम का इस्तेमाल कर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की। आप पार्टी ने इस टिप्पणी को बेहद अपमानजनक और जातिवादी करार दिया। पूनावाला ने हालांकि अपनी बातों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी को गाली नहीं दी और आरोप लगाया कि आप पार्टी उनके खिलाफ झूठ फैला रही है और उनका चरित्र हनन कर रही है। BJP के वरिष्ठ नेता और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने भी शहजाद पूनावाला की टिप्पणी की आलोचना की है। तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, "मैं शहजाद पूनावाला द्वारा की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। किसी भी पार्टी के सदस्य को अपनी जाति, राज्य या समुदाय के आधार पर किसी को निशाना नहीं बनाना चाहिए। सभी को संवेदनशील रहना चाहिए और समाज में मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी उम्मीद करती है कि उसके कार्यकर्ता हमेशा मर्यादा का पालन करें और ऐसी टिप्पणियों से बचें, भले ही उन्हें किसी भी प्रकार से उकसाया जाए। तिवारी ने विश्वास जताया कि भाजपा इस मामले में जल्द संज्ञान लेगी और उचित कदम उठाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि शहजाद पूनावाला को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए और यह बिना किसी शर्त के किया जाना चाहिए।
दिल्ली में पूर्वांचल क्षेत्र के मतदाता, जो प्रमुख रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं, चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र के वोटरों की संख्या राष्ट्रीय राजधानी में बहुत बड़ी है, और उनकी राय चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
इस समय, दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। इस चुनाव को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मुकाबला खास तौर पर भाजपा और आप के बीच होगा, क्योंकि 2015 से सत्ता में काबिज आप अपनी सत्ता को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, जबकि भाजपा इस बार पूरी तरह से चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। कांग्रेस भी इस चुनाव में अपनी खोई हुई जमीन को पुनः हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
यह सारा विवाद और बयानबाजी खासकर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली में पूर्वांचल के वोटरों का अहम स्थान है। ऐसे में पार्टी और नेताओं को यह ध्यान रखना होगा कि उनके बयानों से कोई समुदाय नाराज न हो और चुनावी रणनीति पर इसका विपरीत असर न पड़े।
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