असम हिंसा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार? हिमंता सरमा बोले- राहुल-खड़गे को भेज सकते हैं समन

असम के ग्वालपाड़ा ज़िले के पाकन पुरातात्विक वन क्षेत्र में गुरुवार को हुए तलाशी अभियान के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम 20 लोग घायल हो गए। असम हिंसा के लिए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस घटना के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके उकसाऊ बयानों ने लोगों को पुलिस और वन कर्मियों पर हमला करने के लिए प्रेरित किया।


असम हिंसा के लिए राहुल-खड़गे जिम्मेदार

मुख्यमंत्री सरमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “राहुल गांधी ने असम दौरे के दौरान आतंकवादियों और अतिक्रमणकारियों को जमीन पर कब्जा करने के लिए उकसाया। उनके गैर-जिम्मेदाराना बयानों से भड़की भीड़ ने वन क्षेत्र पर हमला कर दिया, जिसमें 21 पुलिसकर्मी और वन रक्षक घायल हो गए।” उन्होंने कहा कि पुलिस को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ीं, जिसमें एक कारीगर की मौत हुई है। सरमा ने कहा कि राहुल गांधी की यह “विनाशकारी यात्रा” असम में शांति और कानून-व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित कर गई है। उन्होंने कहा, “राज्य की जनता न इस घटना को भूलेगी और न ही माफ करेगी।”

राहुल और खड़गे को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा

मुख्यमंत्री ने बताया कि पूरे घटनाक्रम को लेकर केस दर्ज कर लिया गया है और साजिश के तहत हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दायर किया गया है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, क्योंकि कांग्रेस नेताओं की भाषणबाज़ी ने माहौल को हिंसक बनाया।” ग्वालपाड़ा के जिला कलेक्टर प्रदीप तिमुंग ने जानकारी दी कि विवादित वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान 1,080 परिवारों को हटाया गया था। 

उन्होंने बताया कि हमलावरों ने लाठियों, पत्थरों और समूह में एकजुट होकर पुलिस और वनकर्मियों पर हमला किया, जिससे हालात बेकाबू हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को गोली चलानी पड़ी। तिमुंग के अनुसार, यह हमला योजनाबद्ध था और कई अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं। विवादित क्षेत्र में 135 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जे हटाए गए थे, जिसमें अधिकांश परिवार बांग्लाभाषी मुस्लिम बताए गए हैं।

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