142 अरब डॉलर की डिफेंस डील के साथ ट्रंप ने सऊदी को हथियार बेचे, सीजफायर पर भी जताया दावा

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच मंगलवार को 142 अरब डॉलर के रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुए। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस डील के तहत रियाद अब अमेरिकी कंपनियों से उन्नत सैन्य उपकरण और सेवाएँ खरीद सकेगा। यह समझौता अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सऊदी अरब यात्रा के दौरान हुआ, जो पश्चिम एशिया के चार देशों के दौरे की शुरुआत है। 


रक्षा समझौते को लेकर जारी एक फैक्टशीट में व्हाइट हाउस ने बताया कि यह करार सऊदी अरब द्वारा अमेरिका में लगभग 600 अरब डॉलर के निवेश की व्यापक योजना का हिस्सा है। इस डील में अत्याधुनिक हथियारों, रक्षा प्रणालियों और तकनीकी सेवाओं की आपूर्ति शामिल है। इसके साथ ही, कई वाणिज्यिक समझौते भी हुए हैं, जिनमें जनरल इलेक्ट्रिक से 14.2 अरब डॉलर के गैस टर्बाइन और ऊर्जा समाधान तथा बोइंग से 4.8 अरब डॉलर के यात्री विमान की खरीद प्रमुख हैं।

सऊदी राजधानी रियाद में अमेरिकी-सऊदी निवेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चिंता जताई। उन्होंने ईरान से एक नए और बेहतर परमाणु समझौते की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया, साथ ही चेतावनी दी कि अगर तेहरान बातचीत के लिए तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उसके खिलाफ कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप ने कहा, “हम संघर्ष नहीं चाहते, लेकिन ईरान को अपनी गतिविधियाँ रोकनी होंगी। यदि शांति प्रस्ताव ठुकराया गया, तो हम ईरानी तेल निर्यात को शून्य करने समेत सभी विकल्पों पर विचार करेंगे।” उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि सऊदी अरब भविष्य में अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजरायल को मान्यता देगा। गौरतलब है कि अब्राहम समझौते के तहत पहले ही कई अरब देश इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर चुके हैं।

रियाद पहुंचने के तुरंत बाद ट्रंप ने सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम, गाजा संघर्ष की समाप्ति, और वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता बनाए रखने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। ट्रंप के आगमन पर सऊदी वायुसेना के एफ-15 लड़ाकू विमानों ने उनके एयर फोर्स वन विमान को सुरक्षा घेरा प्रदान किया। सऊदी अरब के बाद ट्रंप कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जाएंगे। इन देशों में ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जिनमें जेद्दाह में एक बहुमंजिला टावर, दुबई में एक लक्जरी होटल और कतर में एक गोल्फ कोर्स तथा विला कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। व्हाइट हाउस ने बताया कि ट्रंप प्रशासन इस यात्रा का उपयोग इन देशों के साथ नए आर्थिक समझौतों की नींव रखने के लिए करना चाहता है।

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