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दिल्ली बॉम ब्लास्ट: मौतों का आंकड़ा 13 पहुँचा, शुरुआती जांच में ‘प्रीमैच्योर’ विस्फोट का संकेत

 12 Nov 2025

दिल्ली बॉम ब्लास्ट के पीछे घबराहट का कारण


दिल्ली बॉम ब्लास्ट: दिल्ली के ऐतिहासिक Red Fort के पास एक कार में हुए धमाके में अब तक 13 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इस हादसे ने राजधानी की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस 2025 Delhi car explosion को एक बड़े हमले की तैयारी माना जा रहा था लेकिन सही समय से पहले ही – यानी ‘प्रीमैच्योरली’ – यह विस्फोट हो गया।

जांचकर्ताओं का कहना है कि इस विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार (Hyundai i20) धीरे-धीरे चल रही थी और ट्रैफिक सिग्नल के पास रुकी थी, जबकि आमतौर पर आत्मघाती वाहन हमलों में अधिक गति व टकराव देखने को मिलता है। इसके अलावा विस्फोट से आसपास ज़मीन में गड्ढा नहीं बना, शैर्पल नहीं मिला – जिससे अंदेशा है कि IED पूरी तरह तैयार नहीं था।

इस हमले को रोकने में देश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को सफलता माना जा रहा है, क्योंकि मौजूदा संकेत बताते हैं कि यह हमला एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा था, जिसे पहले ही खंगाला जा रहा था।

दिल्ली बॉम ब्लास्ट: जांच का दायरा और लिंक-मॉड्यूल


इस विस्फोट के तुरंत बाद जांच एजेंसियों ने मामला National Investigation Agency (NIA) को हस्तांतरित कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की है।

जांच में यह सामने आया है कि विस्फोट एक बड़े आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था, जिसका संबंध Jaish‑e‑Mohammed से हो सकता है। आरोपी में शामिल एक चिकित्सक, Dr Umar Mohammad (पुलवामा निवासी) को इस कार का चालक माना जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा के फ़रीदाबाद और अन्य स्थानों पर इस मॉड्यूल से जुड़े लगभग 2,900 किग्रा विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। खुफिया सूत्र बताते हैं कि इस मॉड्यूल में चिकित्सक-शिक्षक जैसे प्रोफेशनल्स का नेटवर्क पाया गया था, जो इसे और खतरनाक संकेत बनाता है। जांच टीम ने कार के मालिक-हस्तांतरण ट्रैक की है और दिल्ली बॉर्डर से उसके आगमन व पार्किंग के समय की जानकारी जुटाई है।

दिल्ली बॉम ब्लास्ट: असर, सुरक्षा और आगे की चुनौतियाँ


दिल्ली बॉम ब्लास्ट: इस धमाके ने दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में सुरक्षा को तहलका दिया है। राजधानी में हाई अलर्ट जारी किया गया है और कई सार्वजनिक-स्थलों पर चेकिंग बढ़ा दी गई है। समीचीन समय में सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों की आम आवाजाही प्रभावित हुई है। इस हमले ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद अभी सक्रिय है और समय-समय पर बदलते तरीके अपना रहा है — इसका अंदेशा इसलिए भी है क्योंकि इस हमले में जाना पहचाना रूप नहीं देखा गया।

अगली चुनौतियाँ हैं:

  • इन मॉड्यूल्स का समय से पता लगाना और कार्रवाई करना,

  • पेशेवरों में हुई कट्टरता एवं ‘कल White-Collar’ आतंकी नेटवर्क का पता लगाना,

  • विस्फोटक सामग्री के स्रोत व ट्रेनिंग नेटवर्क को खोलना,

  • आम नागरिकों में सतर्कता बढ़ाना व सुरक्षा तंत्र को चौकस रखना।

मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के लिए राहत राशि घोषित की है और सरकार ने जितनी जल्दी हो सके हिंसा-घटना के तुरंत बाद जांच तेज कर दी है। इस तरह, यह हमला भले ही “पूर्ण पैमाने पर” सफल नहीं रहा हो, लेकिन इसके पीछे की योजना, नेटवर्क और तैयारियों ने यह संकेत दे दिया है कि आतंक-घटनाओं के खतरों को अभी हल्के में नहीं लिया जा सकता।