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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महिलाओं ने रचा इतिहास, पुरुषों से ज्यादा मतदान

 12 Nov 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखने को मिला है। राज्य में पहली बार महिलाओं ने मतदान के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इस बार कुल मतदान प्रतिशत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही, जिससे बिहार की राजनीति में एक नई दिशा दिखाई दे रही है।

इस बार राज्य में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया, जिसमें महिला मतदाताओं का उत्साह सबसे अधिक देखने को मिला। कई विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से 5-7 प्रतिशत अधिक रही। विशेषज्ञों के अनुसार, यह परिवर्तन न केवल सामाजिक जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि यह संकेत भी है कि अब महिलाएं अपने अधिकारों और भविष्य को लेकर अधिक सजग हैं।

महिलाओं का बढ़ता राजनीतिक प्रभाव


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिलाओं का यह उभार आने वाले चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है। अब महिलाएं सिर्फ वोटर नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाने वाली शक्ति बन चुकी हैं। हर राजनीतिक दल ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं से जुड़ी नीतियों को प्रमुखता दी है — चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाएं, सुरक्षा, या आत्मनिर्भरता योजनाएं।

महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या ने नेताओं को भी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। कई दल अब महिला सशक्तिकरण, स्वावलंबन और रोजगार के मुद्दों को लेकर गंभीर दिख रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के समूहों और स्वयं सहायता समितियों ने इस जागरूकता को और गहराई तक पहुंचाया है।

सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम


बिहार में महिलाओं की यह सक्रियता अचानक नहीं आई। पिछले कुछ वर्षों में राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाओं ने महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है। जीविका योजना, उज्ज्वला योजना और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जैसी योजनाओं ने गांव-गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। इन योजनाओं का सीधा असर अब मतदान व्यवहार में दिख रहा है।

इसके साथ ही, पंचायत स्तर पर महिला प्रतिनिधियों की बढ़ती संख्या ने भी राजनीतिक भागीदारी को नई ऊंचाई दी है। अब महिलाएं केवल घर की नहीं, बल्कि समाज और राज्य की नीतियों को भी प्रभावित कर रही हैं।

लोकतंत्र में महिलाओं की निर्णायक भूमिका


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का यह नतीजा सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक संदेश है — कि भारत के लोकतंत्र में अब महिलाएं निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र में उनकी भागीदारी केवल औपचारिक नहीं, बल्कि प्रभावशाली भी है।

यह ऐतिहासिक रिकॉर्ड न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। आने वाले वर्षों में यह प्रवृत्ति अन्य राज्यों में भी देखने को मिल सकती है। बिहार की महिलाएं अब केवल मतदाता नहीं रहीं, बल्कि परिवर्तन की वाहक बन चुकी हैं — और यही इस चुनाव की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

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