अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया 171 विमान हादसे को लेकर विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर विवाद खड़ा हो गया है। अहमदाबाद विमान हादसे पर गलत रिपोर्टिंग मामले में FIP ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स पर भ्रामक और अटकलों पर आधारित रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए दोनों संस्थानों को कानूनी नोटिस भेजा है।
FIP के अध्यक्ष कैप्टन सी.एस. रंधावा ने पुष्टि की कि हमने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और दोनों मीडिया संस्थानों से सार्वजनिक माफी की मांग की है। रिपोर्टिंग में मृत पायलटों को बिना किसी आधिकारिक निष्कर्ष के दोषी ठहराना न केवल अनुचित है, बल्कि यह उनकी प्रतिष्ठा को भी अपूरणीय क्षति पहुंचाता है।
अहमदाबाद विमान हादसे पर गलत रिपोर्टिंग
FIP द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कुछ हिस्से “चुनिंदा और असत्यापित सूचनाओं” के आधार पर दुर्घटना के कारणों पर पूर्व-निर्णयात्मक रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इससे न केवल शोकाकुल परिवारों को आघात पहुंचा है, बल्कि विमानन क्षेत्र में कार्यरत पायलटों के मनोबल पर भी असर पड़ा है।
संघ ने मीडिया से आग्रह किया है कि जब तक भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) और अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की अंतिम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होती, तब तक कोई भी अनुमान आधारित रिपोर्ट प्रकाशित न की जाए।
FIP ने 17 जुलाई 2025 को रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट “अटकलों और दोषारोपण” पर आधारित है। नोटिस में मांग की गई है कि रॉयटर्स न केवल रिपोर्ट की समीक्षा और संशोधन करे, बल्कि उसमें उचित अस्वीकरण जोड़े और उन हिस्सों को हटाए जिन्हें मृत पायलटों को दोषी ठहराने के रूप में समझा जा सकता है।
इस विवाद के बीच अमेरिका की संघीय एजेंसी नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने भी मीडिया की जल्दबाज़ रिपोर्टिंग की आलोचना की है। बोर्ड की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने कहा कि “मीडिया रिपोर्टें समय से पहले और अटकलों पर आधारित हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के AAIB द्वारा अभी केवल प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की गई है और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में समय लगेगा।
NTSB ने कहा कि वह AAIB की सार्वजनिक अपील का पूर्ण समर्थन करता है और सभी मीडिया संस्थानों से अपील की कि वे जांच पूरी होने तक संयम बरतें।