Article

लद्दाख में बीजेपी को मजबूत करने वाले जमयांग मोदी कैबिनेट से नज़रअंदाज क्यों हुए?

 18 Jul 2021

“बीजेपी के शासन में लद्दाख की केंद्रशासित प्रदेश बनने की महत्वाकांक्षा पूरी हुई। लेकिन कैबिनेट विस्तार में लद्दाख के सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल का न होना निराशजनक है। उन्हें कैबिनेट में जगह दिया जाए तो इस क्षेत्र के लोगों में विश्वास की भावना मज़बूत होगी।” - लद्दाख बीजेपी के सचिव गुलाम अब्बास आबिदी ने कैबिनेट बदलाव के बाद प्रधानमंत्री को चिठ्ठी भेजकर कैबिनेट में लद्दाख की उपेक्षा को लेकर लिखा।

मोदी सरकार के ऐतिहासिक कैबिनेट विस्तार के बाद से आलोचनाओं का दौर जारी है। रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, डॉ हर्षवर्धन जैसे नेताओं का अब कैबिनेट में न होना और कुछ नए चेहरों को बड़ी ज़िम्मेदारी मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन इन सबके बीच लद्दाख और बौद्ध प्रतिनिधित्व के सवाल ज़ोरों शोरों से उठ रहे हैं। सामाजिक और राजनैतिक तौर पर सक्रिय व्यक्तियों के अलावा बीजेपी से जुड़े नेताओं ने भी लद्दाख की उपेक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।

पूर्व राज्यसभा सांसद कुशोक थिकसे ने भी नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखी। चिठ्ठी में उन्होंने लिखा के वो लद्दाख के लोगों की तरफ़ से अपील करते हैं कि युवा सांसद जमयांग छेरिंग को मंत्रीमंडल में शामिल किया जाए। उन्होंने ये भी लिखा कि जमयांग को शामिल किए जाने से लद्दाख के लोग ये सोचकर कृतज्ञ रहेंगे कि सरकार ने उनकी उम्मीदों को पहचाना है और उनका सहयोग कर रही है।

थिकसे ने जमयांग को मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने के ये कारण भी चिठ्ठी में लिखे हैं - 


1. देश के बौद्ध समुदाय ख़ासतौर पर हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले बौद्धों को देश के शासन में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।
2. शासन के सर्वोच्च स्तर पर लद्दाख के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा, जिससे क्षेत्र की उचित ज़रूरतें समय पर पूरी की जा सकेंगी।
3. सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रवादी ताक़तें मज़बूत होंगी।

2011 की जनगणना के अनुसार देश में बौद्धों की कुल आबादी लगभग 84 लाख है। इनमें से 87 प्रतिशत परिवर्तित बौद्ध (ऐसे बौद्ध जिन्होंने निजी कारणों से अपने जन्मजात धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाया) हैं। 13 प्रतिशत बौद्ध पारम्परिक समुदाय से संबंध रखते हैं।

बीजेपी नेता ताशी ग्यालसन ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह को चिठ्ठी लिखकर लद्दाख को प्रतिनिधित्व न देने की बात उठाई। जेपी नड्‍डा को लिखी चिठ्ठी में उन्होंने लिखा, “लद्दाख के सांसद जमयांग ने अकेले दम पर इस क्षेत्र में बीजेपी को मज़बूत किया है। बीजेपी ने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देकर नई उम्मीदें और आशाएँ दीं हैं, लेकिन अभी इस विकसित और समृद्ध होने के लिए लगातार सहयोग और मार्गदर्शन की ज़रूरत है।” ग्यालसन ने जेपी नड्डा से उम्मीद जताई है कि मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व देकर लद्दाख क्षेत्र को मान्यता दी जाएगी। अमित शाह को लिखी अपनी चिठ्ठी में ग्यालसन ने लिखा कि केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख फ़िलहाल नवजात अवस्था में है और इस कारण राजनैतिक खींचतान और दबावों को ढेर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी लद्दाख के लोगों का हौसला और विश्वास मज़बूत बनाकर रखा जाए।

 

यह भी पढ़ें - लद्दाख को फिर किया गया नज़रअंदाज़, विरोध में बोले नेता - धोखा देकर कैसे होगा "सबका साथ - सबका विकास"