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SSC GD 2018: सफल होने के बावजूद नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थी, सरकार कर रही अनसुना

 15 Jun 2021

"सड़क से संसद तक हमारी आवाज गूंज चुकी है, कोरोना काल में भी हम चुप न रहे, ऑनलाइन कैंपेन करते रहे लेकिन 4 साल होने को है और हमारी जॉइनिंग नहीं हो रही।" ये कहना है एक SSC GD-2018 के अभ्यर्थी का। 


भर्ती के सभी मानक पूरे करने के बाद भी अफसरशाही इन्हें खाकी पहनने नहीं दे रहे, अभ्यर्थी अपनी आवाज आलाकमान तक पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन सुनने वाले कानों में रुई डाले बैठे हैं। 


मामला: जुलाई 2018 में स्टाफ SSC ने कॉन्स्टेबल GD की एक भर्ती निकाली थी, ये भर्ती पैरामिलिट्री फोर्सेज यानी CRPF, ITBP, BSF, CISF, असम राइफल्स में सिपाहियों के 54 हजार पदों पर निकाली गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 60210 पदों के लिए कर दिया गया। भर्ती तीन चरण में होती है- रिटन, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट। 


अप्लिकेशन प्रोसेस स्टार्ट- जुलाई 2018
रिटन एग्जाम- फरवरी 2019
फिजिकल टेस्ट- अगस्त-सितंबर 2019 
मेडिकल-  जनवरी 2020
पास कैंडिडेट- 85-90 हजार 


जनवरी 2020 के बाद से अब जून 2021 आ गया लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाई है, 2018 से अब तक काफी लेटलतीफी की गई, सबसे बड़ी समस्या तो उनकी है जो ओवरएज हो चुके हैं... या कुछ महीनों में हो जाएंगे क्योंकि SSC GD में शामिल होने के लिए एज लिमिट 18-23 है। 
क्या है मांग?- कैंडिडेट्स की मांग है कि सभी को नौकरी दी जाए, ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों को थोड़ी रिलीफ दी जाए। ऐसा भी नहीं है कि पद खाली नहीं है, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में 01/09/2020 को खुद बताया था कि अर्धसैनिक बलों जैसे (सीआरपीएफ-26506, बीएसएफ-28926, सीआईएसएफ-23906, एसएसब -18643, आइटबीपी-5784, असम राइफल-7328) कुल 111000 पद रिक्त पड़े हैं। 


प्रदर्शन: इस टालमटोल या के चलते एसएससी द्वारा रिजल्ट जारी न करने के कारण अभ्यर्थियों ने 12 नवंबर 2020 को दिल्ली में 1 दिन का जॉइनग के लिए प्रदर्शन किया था। 
21 जनवरी 2021 के रिजल्टके बाद जिन अभ्यर्थियों का नाम नहीं आया उनके द्वारा14 फरवरी 2021 से लगातार 45 दिन तक दिल्ली में प्रदर्शन किया गया, जिसके फलस्वरूप अभ्यर्थियों पर लाठी बरसाई गई और उन्हें जेल भेजा गया। 


अभ्यर्थियों द्वारा एक बार राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की भी मांग की गई है जिसका जवाब अब तक नहीं आया है। 
इन सब के बीच कई बार ट्विटर कैंपेन चलाया जा चुका है, छात्रों का प्रयास जारी है। 
अभ्यर्थी की आवाज:


-हम सभी युवा गरीब और मजदूर परिवारों से है ,आए दिन कोई ना कोई अभ्यार्थी तनाव में आकर आत्महत्या करने पर मजबूर है फिर भी खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है, बेरोजगारों को सुने सरकार। 
-सरकार ने नई भर्ती का शैड्यूल जारी किया है, जब 55000 कडडेट पहले से है तो नई भर्ती निकालकर सरकार पैसा क्यों बर्बाद कर रही है, न्यू वैकेंसी लाकर युवाओं को गुमराह क्यों किया जा रहा है। 
-हम ओवरएज हो चुके हैं, ओवरएज हो जाने के कारण अगली भर्ती में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे, हमने परीक्षा पास की हुई है, हमें नियुक्ति दीजिए। 
-अभ्यर्थियों की दूसरी मांग है कि मेरिट बनने के बाद वेटिंग लिस्ट जारी की जाए, यानी जो सीट खाली रह जाती है उन्हें भी भरा जाए। 
बात साफ है कि अगर सरकार के पास वैकेंसी है सभी मानक पास किए हुए अभ्यर्थी हैं तो उन्हें नौकरी दी जाए।

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