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सिर्फ UPSC जिहाद पर ही नहीं बल्कि सुरेश चव्हाणके पर भी बैन जरूरी, 1-1 शब्द नफरत से भरा है

 24 Sep 2020

मीडिया का वास्तविक काम बिना किसी लाग-लपेट के लोगों तक सूचना पहुंचाना है। लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इसके स्वरुप में व्यापक बदलाव आए हैं। सूचना के बजाय एक विचार भी लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं। यहां तक तो ठीक था लेकिन धीरे धीरे सुनियोजित तरीके से एक विचारधारा पर हमला हुआ। सोच को कुंद करने की कोशिश शुरु हो गई। ताज्जुब की बात ये कि इसमें भी मीडिया के तमाम संस्थान सफल रहे। रिपब्लिक भारत ने तो टीआरपी की जंग में खुद को सबसे ऊपर खड़ा कर लिया। 

 

ताजा मामला सुदर्शन टीवी से जुड़ा है। कहने को तो ये न्यूज चैनल है लेकिन इस पर वही न्यूज चलती है जिसमें सरकार से सवाल न पूछे जाए। जनता से जुड़े सरोकार का तो कोई मतलब ही नहीं। मतलब है तो बस नफरत से। जी हां नफरत से। चैनल के प्रमुख सुरेश चव्हाणके बिंदास बोल के जरिए लोगों के सामने आए मुद्दों को लेकर आते हैं जिसे समाज की शांति और एकता पर कुठाराघात करता हो। जो मुसलमानों को कठमुल्ला कहकर संबोधित करता हो उससे भला शांति की अपील कैसे की जा सकती है?

 

सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के बिंदास बोल के जरिए प्रसारित होने वाले UPSC जिहाद पर रोक लगा दी। इस कार्यक्रम के चार शो 11,12,13 व 14 सितंबर को प्रसारित किया जा चुका है। ये क्रम 20 सितंबर तक चलने वाला था जिसे कोर्ट ने रोक दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, इसमें खोजी पत्रकारिता जैसा कुछ नहीं है। समाज के एक खास समुदाय यानी मुसलमानों को टारगेट करके बनाया गया प्रोग्राम है। सुप्रीम कोर्ट के पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इसपर रोक लगाई थी लेकिन बाद में केंद्र की मंजूरी के बाद इसे प्रसारण की अनुमति मिल गई थी.

 

कोर्ट की बातें ध्यान देने लायक हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदु मल्होत्रा व जस्टिस केएस जोसेफ की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, देखिए इस कार्यक्रम का विषय कितना उकसाने वाला है कि मुसलमानों ने सेवाओं में घुसपैठ कर ली है। यह तथ्यों के बगैर ही संघ लोग सेवा आयोग की परीक्षाओं को संदेह के दायरे में ले आता है। सुदर्शन न्यूज की तरफ से वकील श्याम दीवान ने कहा चैनल इसे राष्ट्रहित में एक खोजी खबर मानता है। 

 

ये तो रहा कोर्ट का फैसला। इस कार्यक्रम में कहा गया है कि जामिया के छात्र सिविल सेवाओं में हो रही घुसपैठ का हिस्सा हैं, आप सोचिए किस तरह देश की नंबर 1 यूनिवर्सिटी को लेकर लोगों के दिमाग में जहर भरने का काम किया जा रहा है। मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं यह कहने की आजादी भला किसी पत्रकार को कैसे दी जा सकती है? अगर सबूत है तो उसे कोर्ट में पेश किया जाए, केंद्र सरकार के सामने रखा जाए लेकिन ऐसा ये नहीं करने वाले, टीवी के जरिए ऐसा करेंगे तो ये अपने मंसूबे में कामयाब होंगे। 

 

सुरेश चव्हाणके दम लगाकार झूठ बोलते हैं, बिना रुके फर्जी चीजे दिखाते हैं, जिस जमाने में एनडीटी को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर बैन कर दिया जाता है, द क्विंट के दफ्तर में छापेमारी हो जाती है उस दौर में सुदर्शन न्यूज बिना रुके बेधड़क धार्मिक उन्माद फैलाता है, केबल टीवी रेग्युलेशन एक्ट 1995 के अनुसार अगर कोई चैनल धार्मिकता का चोला पहनकर किसी धर्म के खिलाफ उग्रता से पेश आता है तो उसपर कार्रवाई बनती है पर इनपर आजतक किसी तरह की कोई आंच नहीं आई।

 

सुरेश दिल्ली जाकर एक मुस्लिम इलाके में रिपोर्टिंग करते हैं, वहां के मुसलमानों को रोहिंग्या बता दिया, उन्हें देश के लिए खतरा बता दिया, लोगों ने शिकायत की तो अल्पसंख्यक आयोग ने सुदर्शन न्यूज को नोटिस भेज दिया। आरोपों की लंबी लिस्ट हैं। नवंबर 2016 में इसी चैनल की एक एम्पलॉई ने सुरेश जी पर रेप व अटेम्ट टू मर्डर का आरोप लगाया, आईपीसी की 11 धाराओं में इनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। जुलाई 2017 में सपा के नेता नरेश अग्रवाल जो अब भाजपा में आकर शुद्ध हो गए हैं उन्होंने राज्यसभा में भगवान राम को लेकर गंदा कमेंट कर दिया, सुरेश च्वहानके नरेश अग्रवाल से भी ज्यादा नीचे गिर गए और उनके लिए तमाम भद्दी बाते अपने बिंदास बोल में कह दी, 28 सांसदों के हंगामें के बाद राज्यसभा ने इन्हें नोटिस भेजा था।

 

मुसलमानों को कठमुल्ला कहने वाले सुरेश की इस्लाम से नफरत जगजाहिर है, अप्रैल 2017 में इन्होंने यूपी के संभल की खबर दिखाई, उसमें सुरेश ने बताया कि संभल में अलकायदा का नेटवर्क है, यहां के लोग आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं, ऐसी ही तमाम बातें उस प्रोग्राम में कही जिसके लिए बाद में बेइज्जती भी हुई पर जिसने जहर ही फैलाने की जिम्मेदारी ले ली हो उसे फिर बेइज्जती से क्या फर्क पड़ता है। मुसलमानों के बाद राष्ट्रवादी जी सनी लियोनी को टारगेट करते हैं, हर दूसरे दिन सनी लियोनी की खबरे दिख ही जाएगी, सुरेश जी के अनुसार आतंकियों के गोली बम से देश को उतना नुकसान नहीं हुआ है जितना सनी लियोनी की वजह से देश में सांस्कृतिक नुकसान हुआ है। 

 

संविधान के आर्टिकल 19 में लिखा है देश की एकता अखंडता को तोड़ने वाले स्पीच पर युक्तियुक्त प्रतिबंध लगाया जा सकता है फिर सुदर्शन न्यूज का प्रसारण कैसे हो सकता है? ये पूरा चैनल देश की नई नस्ल को खराब कर रहा है। पूरा चैनल दिनभर दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने का काम करता है। सुरेश का एक एक शब्द नफरत और घृणा से भरा रहता है। इस पूरे चैनल पर रोक लगाने की जरूरत है। चव्हाणके जैसे लोग पत्रकारिता के नाम पर जो जहर बो रहे हैं उसे अगर जल्द खत्म नहीं किया गया तो नतीजे बेहद खतरनाक होंगे। 

 

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