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ट्विंकल वाली घटना में सोशल मीडिया ने बस आग लगाने का काम किया!
13 Oct 2020
ट्विंकल का बलात्कार किया गया। उसकी आँखें नोंच ली गई। और बेरहमी से उस क़त्ल कर दिया गया। इन संदेशों के साथ उसके हक में सोशल मीडिया पर उठ रही आवाज़ों में एक औऱ रंग भी था। बलात्कार करने वाला शख़्स मुस्लिम था। बलात्कार रमज़ान के महीने में हुआ। जिसे मुस्लिम लोग पाक मानते हैं।
हकीकत क्या है ये बताने के लिए राहत इंदौरी साहब का एक शेर ही काफी है -
एक अख़बार हूँ औक़ात ही क्या है मेरी
पर शहर में आग लगाने के लिए काफी हूँ
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बस इस शेर में अख़बार को सोशल मीडिया से रिप्लेस कर दीजिए। फ़ैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने इस ख़बर की पड़ताल की तो पाया कि-
- अपराधी मुस्लिम ही था, जैसा सोशल मीडिया पर कहा गया
- अपराध रमज़ान के पाक महीने मे हुआ, जैसा सोशल मीडिया पर कहा गया
- लेकिन इसके अलावा जो बात ऑल्ट न्यूज़ ने बताई वो ये कि ट्विंकल का बलात्कार नहीं हुआ था। पोस्टमॉर्टम में इस बात का खुलासा हुआ है.
इसके बाद अलीगढ़ पुलिस के ऑफीशियल ट्विटर हैंडल से इस घटना के बारे में जानकारी दी गई। जो जानकारी है वो बता देते हैं -
- 31 मई को ट्विंकल को किडनैप किया गया
- 2 जून को उसकी लाश मिली
- 4 जून को ज़ाहिद और गिरफ़तार कर लिया गया
- हत्या आरोपी और ट्विंकल के पिता के बीच पैसों के झगड़े के कारण की गई
- पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट ने बलात्कार की पुष्टि नहीं की है
बहरहाल, एक स्तंभकार हैं शेफाली वैद्य। ट्वीट करती हैं - कि जो लोग कह रहे हैं कि अपराध का धर्म नहीं होता वो कठुआ के आसिफा रेप के समय कहाँ चले गए थे?
एक राजनीतिज्ञ हैं सुरेंद्र पूनिया। इस बलात्कार को लेकर टुकड़े गैंग पर सवाल उठा रहे हैं।
एक अदाकारा हैं रवीना टंडन। कहती हैं - लड़की की आँख नोची गई। लाश को क्षत विक्षत कर दिया गया।
हमने बात की अलीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र वार्ष्णेय से। उन्होंने बताया - ट्विंकल की हत्या करके उसकी लाश को कूड़े-दान में फेंक दिया गया। हत्या के वक्त उसकी आँखें नहीं निकाली गईं। बल्कि बाद में एक कुत्ते ने इस लाश की आँखें नोंच दी।
ख़ैर, इन सबसे आरोपी का अपराध कम नहीं हो जाता। एक बच्ची की हत्या की यथोचित सज़ा उसे मिलनी चाहिए। लेकिन उन सेलीब्रिटीज़ को भी अपनी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। आसिफा बलात्कार के आरोपी के हिंदु होने से पूरा हिंदु समाज बलात्कारी नहीं हो जाता और इसी तरह ट्विंकल के खिलाफ हुए अपराध के आरोपी के मुस्लिम हो जाने से पूरा मुस्लिम समाज अपराधी नहीं हो जाता।
सेलीब्रिटीज़ का प्रभाव बड़ा होता है। सो उनका व्यवहार भी बड़ा होना चाहिए। उनका छोटापन समाज को छोटा बना सकता है।