कांटी थाने की हाजत में गिरफ्तार एक युवक की संदिग्ध मौत के बाद इलाके के लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। इस घटना ने इलाके में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है, और इसे लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कांटी थाना क्षेत्र में पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत के बाद इलाके में हंगामे का दृश्य दिखाई दे रहा है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कांटी थाने के बाहर कई लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं और शोर-शराबा कर रहे हैं। पुलिसकर्मी भीड़ को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन माहौल काफी उग्र हो गया है।
तेजस्वी यादव ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बिहार की स्थिति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, "मुजफ्फरपुर के कांटी थाना में एक युवक की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई है। बिहार में सत्ता द्वारा संरक्षित अपराधी और प्रशासन के अत्याचारों ने आम नागरिकों की जान लेना अब एक सामान्य घटना बन गई है। बिहार में पुलिस अब रक्षक नहीं, बल्कि भक्षक बन चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में पूरी तरह से अचेतन हैं, उन्हें कुछ भी नहीं पता कि राज्य में क्या हो रहा है। बिहार में प्रतिदिन सैकड़ों हत्याएं हो रही हैं, और सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है।"
इस घटना के बाद, कांटी थाने के आसपास के गांवों के लोग थाने के बाहर इकट्ठा हो गए थे। कुछ लोगों का आरोप था कि पुलिस ने युवक शिवम को पैसे के मामले में पीट-पीट कर मार डाला। इस दौरान, शाम तीन बजे तक पुलिस जवानों और भीड़ के बीच धक्का-मुक्की चलती रही। भीड़ ने पुलिस के दलालों के आरोप में तीन लोगों को पकड़ कर उनकी जमकर धुनाई भी की।
महिलाओं ने भी इस घटना को लेकर अपनी आवाज उठाई और बताया कि अक्सर रात के समय पुलिस छापेमारी के बहाने निर्दोष युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज देती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांटी पुलिस कई बार निर्दोष युवकों पर हथियार सटाकर उन्हें झूठे मामलों में फंसाती रही है।
स्थानीय लोग इस मामले को लेकर काफी चिंतित हैं और उनका मानना है कि यह मामला भी कुछ समय में दब जाएगा और इसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होगी। कुछ लोगों ने यह तक कहा कि इस पूरे मामले को जल्द ही कागजों में दबा दिया जाएगा और किसी को सजा नहीं मिलेगी। इस दौरान तीन डीएसपी और महिला पुलिसकर्मी भीड़ को थाने में घुसने से रोकने के प्रयास में जुटे थे। स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस हंगामे को शांत करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन माहौल इतना तनावपूर्ण था कि इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था।
इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली और सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने इस पर एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाया है और कहा है कि इस तरह की घटनाएं बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर रही हैं।
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