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सोनिया गांधी के पर बीजेपी की कार्रवाई की मांग, जानें क्यों उठाया गया विशेषाधिकार हनन नोटिस

 14 Nov 2025

कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। इसके अलावा, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ भी यह नोटिस जारी किया गया है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नेतृत्व में सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ ‘अपमानजनक और निंदनीय’ शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। सुमेर सिंह सोलंकी ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर सोनिया गांधी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। यह आरोप है कि दोनों नेताओं ने बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए।


विशेषाधिकार हनन नोटिस क्या होता है?


विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) एक ऐसी प्रक्रिया है, जो संसद और विधानमंडलों में लागू होती है। यह प्रक्रिया सदस्यों को विशेष अधिकार प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य सत्ता पक्ष को बेलगाम होने से रोकना और सदन की गरिमा तथा सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है। यह विशेषाधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 (संसद के लिए) और अनुच्छेद 194 (राज्य विधानमंडलों के लिए) में निर्दिष्ट किया गया है। इस प्रक्रिया का उपयोग तब किया जाता है जब किसी सदस्य, समिति या सदन के विशेषाधिकारों का उल्लंघन होता है। यह अधिकार इस सीमा तक दिया गया है कि संसद के किसी भी सदन में किसी सदस्य द्वारा दिया गया बयान या कथन देश की किसी अदालत में चुनौती नहीं दिया जा सकता।

विशेषाधिकार हनन नोटिस तब लाया जाता है जब किसी सदस्य को लगता है कि किसी अन्य सदस्य, मंत्री या अधिकारी ने विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। ऐसे मामले में सबसे पहले एक नोटिस दिया जाता है, जिसे विशेषाधिकार हनन का नोटिस कहा जाता है। इस नोटिस को लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति के सामने पेश किया जाता है। यदि अध्यक्ष या सभापति इसे उचित मानते हैं, तो इसे विशेषाधिकार समिति (Privilege Committee) के पास भेजा जाता है। समिति मामले की जांच करती है और अपनी रिपोर्ट सदन को सौंपती है। विशेषाधिकार समिति यदि किसी सदस्य को दोषी मानती है, तो उसे फटकार, चेतावनी, या किसी खास अवधि के लिए सदन से बाहर करने की सजा दी जा सकती है। इसके अलावा, सदस्य को निलंबित या निष्कासित भी किया जा सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में सदस्य माफी मांग लेते हैं।

सोनिया गांधी के बयान पर विवाद


बीजेपी का आरोप है कि सोनिया गांधी ने बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संसद परिसर में भाषण पर चर्चा करते देखा गया। एक वीडियो में सोनिया गांधी को यह कहते हुए सुना गया था, "बेचारी महिला, राष्ट्रपति मुर्मू अंत तक थकी हुई थीं, वह मुश्किल से बोल पा रही थीं।" इस बयान को लेकर बीजेपी ने तीखी आलोचना की और सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया।

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