Article

ब्रिक्स देशों को ट्रंप की फिर कड़ी धमकी: डॉलर से दूर हुए तो व्यापार पर लगेगा 100% टैरिफ

 01 Dec 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर के बजाय किसी अन्य मुद्रा को अपनाने की स्थिति में 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर से हटकर दूसरी मुद्रा अपनाते हैं, तो अमेरिका उनका समर्थन नहीं करेगा और उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के कदम से ब्रिक्स देशों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपनी मुद्रा बेचने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, और वे किसी अन्य देश से यह प्रयास कर सकते हैं।


ट्रंप की पहले की चेतावनी


इससे पहले भी ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को ऐसे प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी थी। पिछले सप्ताह ओवल ऑफिस में एक समारोह के दौरान, उन्होंने कहा था कि अगर ब्रिक्स देश अपनी अलग मुद्रा अपनाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें अमेरिका के साथ व्यापार पर 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने इसे एक स्पष्ट रुख बताया और इसे धमकी के रूप में नहीं देखा जाने की बात कही। उनका कहना था कि अमेरिका का ब्रिक्स देशों पर प्रभाव है और वे अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक आगे नहीं बढ़ा पाएंगे।

ब्रिक्स देशों के डी-डॉलराइजेशन की ओर बढ़ते कदम


ट्रंप की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब ब्रिक्स देशों के बीच डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने के प्रयासों की खबरें आ रही हैं। 2023 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में डी-डॉलराइजेशन का आह्वान किया था। पुतिन ने कहा था कि ब्रिक्स देशों को अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में लेन-देन बढ़ाना चाहिए और बैंकों के बीच सहयोग को मजबूत करना चाहिए।

2024 में, ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने रूस के निजनी नोवगोरोड में मुलाकात की और सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार और वित्तीय लेन-देन में स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल को बढ़ाने का आह्वान किया। यह कदम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वैश्विक मुद्रा प्रणाली में एक नई दिशा का संकेत देता है, जिस पर ट्रंप ने अपनी चिंता व्यक्त की है। ट्रंप ने यह भी कहा कि जो देश अमेरिकी डॉलर के खिलाफ यह कदम उठाएंगे, उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ के साथ अमेरिकी बाजार से बाहर करने की तैयारी होनी चाहिए। उनका यह बयान ब्रिक्स देशों की संभावित मुद्रा क्रांति के प्रति अमेरिका की कड़ी प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

Read This Also:- ‘जन्म के आधार पर ‘नागरिकता कानून’ का उद्देश्य कुछ और था, सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती’- डोनाल्ड ट्रंप