प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र से पहले संसद के बाहर अपने संबोधन में कहा कि 2014 के बाद यह पहला सत्र है जब बजट सत्र के पहले देश में कोई विदेशी हस्तक्षेप या चिंगारी नहीं देखी गई है। उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा, यह पहला संसद सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले कोई 'विदेशी चिंगारी' नहीं देखी गई, जिसमें विदेशी ताकतों ने आग लगाने की कोशिश नहीं की। 2014 से लेकर अब तक हर बजट सत्र के पहले ऐसे मामले उठाए जाते थे, जिनसे हंगामा होता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सत्र से पहले अक्सर विदेशी एजेंडों को उठाकर देश में हलचल पैदा करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की, जब 2023 में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद संसद में जमकर हंगामा हुआ था। अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करते हुए कहा, "आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं। सदियों से हम इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते आ रहे हैं, और उनसे देश की समृद्धि और सफलता की प्रार्थना करते हैं।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प इस बजट सत्र से और मजबूत होगा। उन्होंने कहा, "भारत ने 75 साल पूरे किए हैं और अब हम 2047 में आजादी के 100 साल मनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस बजट के जरिए हम देश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे।"
उन्होंने यह भी कहा कि तीसरे कार्यकाल में सरकार देश के सर्वांगीण विकास के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। मोदी ने विकास का मंत्र "रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म" दिया और कहा कि जब तेज़ी से विकास करना हो, तो सबसे पहले रिफॉर्म की आवश्यकता होती है। इसके बाद राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर परफॉर्म करना होता है और लोगों की भागीदारी से समाज और देश का ट्रांसफॉर्मेशन किया जा सकता है।
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