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New Parliament Building : - भारत के नए संसद का डिजाइन पर विपक्ष ने सवाल उठाया!
01 Jun 2023

देश में नए संसद भवन (New Parliament Building) को लेकर सियासी बवाल खत्म होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) नए संसद की इमारत के निर्माण को अपने कार्यकाल की उपलब्धि बता रहे है। वहीं विपक्ष ने अब नए संसद की डिजाइन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इसे चोरी का डिजाइन बता दिया है। संसद भवन को लेकर सियासत खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। कभी राष्ट्रपति (President Draupadi Murmu) द्वारा उद्घाटन न कराए जाने पर, तो कभी सेंगोल के ऊपर नंदी की प्रतिमा, तो कभी पीएम मोदी के तरीके तो कभी उनके द्वारा नतमस्तक होने को लेकर लगातार विपक्ष सरकार पर और उनकी कार्य-शैली पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है। संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार के बाद अब संसद के डिजाइन पर विवाद हो रहा है। विपक्ष का कहना है कि भारत के नए संसद का डिजाइन चोरी का है, वो भी दुनिया के सबसे गरीब देश सोमालिया की पुरानी संसद का डिजाइन है, जिसे खुद सोमालिया ने भी खारिज कर दिया था, लेकिन आत्मनिर्भर बनते भारत ने इसे चोरी कर लिया।

इस विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की एंट्री हो गई है। उन्होंने संसद भवन के डिजाइन को नकल किया हुआ बताया है। वैसे दिग्विजय सिंह से पहले TMC के राज्यसभा सांसद जौहर सिरकार (Johar Sircar) ने चोरी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि "नई संसद भवन की डिजाइन सोमालिया से कॉपी की गई है।"

जौहर सिरकार ने अपने ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा कि, 'सोमालिया की पुरानी संसद नए भारत की प्रेरणा है ! गुजरात से मोदी के खास वास्तुकार - जो हमेशा 'प्रतिस्पर्धी बोली' के जरिए मोदी के मेगा कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करते हैं (अहमदाबाद, वाराणसी, दिल्ली की संसद + सेंट्रल विस्टा में) उन्होंने हमसे सोमालिया के डिजाइन की नकल करने के लिए ₹230 करोड़ का शुल्क लिया है !'
बड़ी बात ये है कि सिरकार ने ट्वीट में जो दो तस्वीर शेयर की है, वो इनके आरोपों को सही साबित कर रही है। भारत का नए संसद की रूप-रेखा बिल्कुल सोमालिया के पुराने संसद से मेल खा रही है। दोनों तस्वीरों को कोई भी दूर से देखकर ही बता सकता है। वही त्रिकोणी आकार, हर कोणे पर तीन दरवाजे, दीवारों पर भी एक ही जैसी खिड़कियां बनाई गई हैं, दोनों ही तस्वीरों में हॉल भी दिखाई दे रहा है और संसद की छत पर Pillar बना हुआ है। फर्क सिर्फ इतना है कि हमारे नए संसद की छत के Pillar पर राष्ट्रीय चिन्ह लगा हुआ है। वरना इमारत बिल्कुल एक जैसी है, ऐसा लग रहा है जैसे एक की इमारत में पेंट करके नई बना दिया गया हो। इसी नए संसद की विशाल इमारत को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार अपनी पीठ थपथपाते हुए क्रेडिट लेने में लगी थी। तो विपक्ष को मोदी सरकार को घेरने का नया मौका मिल गया है।
इसी को लेकर जौहर सिरकार के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा कि क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि 'सोमालिया का पुराना संसद भवन नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा है, कृपया अपने कॉपी कैट आर्किटेक्ट से ₹230 करोड़ वसूल करे।' जौहर सिरकार को धन्यवाद देते हुए वे लिखते हैं कि, 'जौहर सिरकार को इसके लिए पूरे नंबर दिए जाते हैं।'
नए संसद की नींव रखने के बाद से ही विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा था कि अभी इतने पैसे खर्च करने की कोई जरूरत नहीं थी। पुराने संसद से काम में कोई दिक्कत नहीं आ रही थी। वहीं इसके बाद संसद के उद्धाटन को लेकर भी काफी विवाद हुआ, क्योंकि विपक्ष मांग कर रहा था कि "संसद का उद्धाघटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाए।" इसी मांग के साथ करीब 21 विपक्षी दल 28 मई को संसद के उद्धाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। वहीं देश और दुनिया में संदेश गया कि पीएम मोदी विपक्ष को साथ लेकर चलने वाले नेता नहीं हैं। अब विपक्ष कह रहा है कि मोदी सरकार को Arcitech से 230 करोड़ रुपए वापस लेने चाहिए। वैसे पूरे संसद को बनाने में 970 करोड़ रूपए की लागत आई है। जिसमें 230 करोड़ रुपए का खर्च Arcitech है, जिस डिजाइन को चोरी का कहा जा रहा है।
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