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मोदी सरकार युवाओ को रोजगार देने में असमर्थ रही हैं।

 13 Oct 2020

जब देश में पिंचर जोड़ना, पकौड़े बनाना रोजगार की पहचान समझा जाएगा, तो देश में बेरोजगारी अभी तक अपने चरम स्तर 6% से ऊपर पहुंचना कोई खास बात नहीं। यह वर्तमान केंद्रीय सरकार भाजपा के लिए झूठे आँकडे माने जा रहे हैं। हाल ही में अजीम प्रेमजी विवि, बैंगलुरू द्वारा जारी संस्टेनेबल एंमप्लायमेंट रिपोर्ट में नोटबंधी के बाद पाँच मिलियन(50 लाख) लोगों ने अपनी नौकरियाँ खोने का जिक्र हुआ। यह बात किसी से नहीं छुपी है, भाजपा की नोटबंधी नीति पूरी तरह विफल रही है। इसे आरबीआई ने भी स्वीकारा है।

कांग्रेस सरकार के वक्त लोगों के पास कम से कम रोजगार तो था। वर्तमान सरकार ने देश की सबसी बड़ी परीक्षा यूपीएससी में प्राइवेट सैक्टर को बिना किसी परीक्षा के साथ शामिल कर सालों मेहनत करने वाले उम्मीदवारों से खिलवाड़ किया है। काबिल सेवा में रत लोगों भी बनाया जा सकता था। यूपीएससी की वैंकेंसी नित नीचे लाई जा रही हैं। जब कोई नई सरकार आती है, उससे नई अपेक्षाएँ की जाती हैं। वर्तमान केंद्र सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के गुण गा रही है, लेकिन यह देखना भी रोचक है कि कितने लोग इन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

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